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छत्तीसगढ़ में पटवारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, जनता को हो रही परेशानी
बतौली में पटवारियों की अनिश्चितकालीन ऑनलाइन हड़ताल से कार्यालयों का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है। इस हड़ताल के कारण क्षेत्र के लोग खसरा, नामांतरण, रकबा सुधार, और अन्य राजस्व संबंधी कार्यों के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
हड़ताल के मुख्य कारण:
- ऑनलाइन कार्य के लिए संसाधन भत्ता:
- पटवारी संघ का कहना है कि ऑनलाइन कार्यों के लिए आवश्यक संसाधन और भत्ता प्रदान नहीं किया गया है।
- निजी या किराये के संसाधनों से काम करने की मजबूरी से पटवारी नाराज हैं।
- 30 वर्षों से पदोन्नति का अभाव:
- पटवारियों को तीन दशक से पदोन्नति नहीं मिली है, जिससे वे नाराज हैं।
- लंबित मांगों की अनदेखी:
- कई बार शासन को समस्याएं बताई गईं, लेकिन समाधान नहीं हुआ।
प्रमुख समस्याएं और असर:
- ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार:
- भुइंया पोर्टल के माध्यम से होने वाले सभी कार्य जैसे खसरा, नक्शा, बटांकन, और नामांतरण प्रभावित हो गए हैं।
- पटवारी सरकारी व्हाट्सऐप ग्रुप से भी बाहर हो गए हैं।
- धान खरीदी और रकबा सुधार:
- वर्तमान में चल रही धान खरीदी प्रक्रिया में रकबा सुधार का कार्य बाधित हो रहा है।
- डिजिटल सिग्नेचर न होने से प्रमाण पत्र और दस्तावेज प्रिंट नहीं हो पा रहे हैं।
- जनता की परेशानी:
- 5,000 से अधिक पटवारियों की इस हड़ताल से लोग नक्शा और खसरा के लिए भटक रहे हैं।
- कृषि संगणना और फसल कटाई प्रयोग जैसे कार्य भी प्रभावित हो गए हैं।
पटवारियों की प्रमुख मांगें:
- ऑनलाइन कार्य के लिए संसाधन और भत्ता उपलब्ध कराना।
- तीन दशक से लंबित पदोन्नति का समाधान।
- लंबित मांगों को जल्द से जल्द पूरा करना।
राजस्व विभाग की स्थिति:
राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ के प्रांत अध्यक्ष भागवत कश्यप ने कहा कि अब तक मांगें पूरी नहीं होने से पटवारी निराश हैं।
- यदि समस्या का शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो हड़ताल जारी रहेगी, जिससे राजस्व महकमे का पूरा कार्य बाधित हो सकता है।