केंद्र सरकार ने 156 दवाओं पर लगाया प्रतिबंध: जानिए कौन सी दवाएं हैं शामिल
केंद्र सरकार ने हाल ही में 156 कॉकटेल दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनका आमतौर पर घरों में इस्तेमाल किया जाता है। इनमें बाल लंबा करने वाली, स्किनकेयर, दर्द निवारक, और मल्टीविटामिन जैसी दवाएं शामिल हैं। यह दवाएं फिक्स्ड डोज़ कॉम्बिनेशन (FDCs) या कॉकटेल मेडिसिन के रूप में जानी जाती हैं, क्योंकि एक ही गोली में दो या अधिक दवाएं मिश्रित होती हैं। सरकार ने इन दवाओं को इंसानों के लिए खतरा बताते हुए इन्हें प्रतिबंधित कर दिया है, और इनका सुरक्षित विकल्प उपलब्ध होने की बात कही है।
प्रमुख प्रतिबंधित दवाएं:
- एसिक्लोफेनाक 50MG + पैरासिटामॉल 125MG: दर्द निवारक के रूप में लोकप्रिय इस कॉम्बिनेशन को प्रतिबंधित किया गया है।
- पैरासिटामॉल + पेंटाजोसिन: यह कॉम्बिनेशन दर्द से राहत के लिए उपयोग किया जाता है।
- लेवोसेट्रिजिन + फेनिलफ्रिन: बहती नाक, छींक, या मौसमी एलर्जी के इलाज के लिए उपयोग होने वाले इस कॉम्बिनेशन पर भी बैन लगाया गया है।
- मैग्नीशियम क्लोराइड: पोषण संबंधी कमियों के उपचार में इस्तेमाल होने वाला यह कॉम्बिनेशन भी प्रतिबंधित है।
- पैरासिटामॉल, ट्रामाडोल, टॉरिन और कैफीन: ट्रामाडोल एक ओपिओइड बेस्ड पेनकिलर है, और इस कॉम्बिनेशन पर भी रोक लगाई गई है।
प्रतिबंध का कारण: सरकार द्वारा बनाई गई विशेषज्ञों की एक समिति और ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने इन दवाओं के कॉम्बिनेशन को चिकित्सीय रूप से अनुपयुक्त पाया है। इन दवाओं के मेल में कोई चिकित्सीय औचित्य नहीं है और इन्हें मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा बताया गया है। इसलिए व्यापक जनहित में, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 की धारा 26 ए के तहत इन दवाओं के उत्पादन, बिक्री, और वितरण पर प्रतिबंध लगाया गया है।
दवा निर्माताओं पर प्रभाव: प्रतिबंध के कारण सिप्ला, टोरेंट, सनफार्मा, आईपीसीए लैब और ल्यूपिन जैसी दवा कंपनियों पर असर पड़ा है। हालांकि इंडस्ट्री अभी भी इस प्रतिबंध के प्रभाव की एनालिसिस कर रही है, लेकिन कुछ प्रोडक्ट्स को पहले ही बंद कर दिया गया है।