जंगल सफारी में 16 काले हिरणों की मौत, कानन पेंडारी से मंगाकर छिपाया मामला
छत्तीसगढ़ की जंगल सफारी में पिछले आठ महीनों में 16 काले हिरणों की मौत की घटना सामने आई है। इन मौतों के बाद सफारी प्रबंधन ने इसे छिपाने के लिए कानन पेंडारी जू से 40 नए काले हिरण मंगवाए हैं।
रायपुर। छत्तीसगढ़ की जंगल सफारी में पिछले आठ महीनों में 16 काले हिरणों की मौत की घटना सामने आई है। इन मौतों के बाद सफारी प्रबंधन ने इसे छिपाने के लिए कानन पेंडारी जू से 40 नए काले हिरण मंगवाए हैं। आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, हिरणों की अधिकतर मौतें आपसी लड़ाई के कारण हुई हैं, जबकि सफारी के डायरेक्टर धम्मशील गणवीर ने बताया कि हिरणों में टीबी के लक्षण पाए गए हैं, और उनका उपचार चल रहा है।
मौतें कब और कैसे हुईं
सफारी में 1 जनवरी से 28 जुलाई 2024 के बीच 36 काले हिरण थे, जिनमें से 16 की मौत हो गई। इनमें से कई हिरणों की मौत आपसी लड़ाई में हुई बताई जा रही है। मौतों के बाद, 20 जुलाई को सफारी प्रबंधन ने कानन पेंडारी जू से 40 काले हिरण मंगवाने के लिए सीजेडए (केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण) से अनुमति प्राप्त की। इसके बावजूद, 16 अगस्त से 29 अगस्त के बीच और चार काले हिरणों की मौत हो चुकी है।इससे पहले, जंगल सफारी में चौसिंगा की मौत का मामला विधानसभा में भी उठा था। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अब काले हिरणों की मौत का मामला सामने आने के बाद प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।जंगल सफारी के डायरेक्टर धम्मशील गणवीर ने बताया कि काले हिरणों में टीबी के लक्षण मिले हैं और उनके उपचार में समय लगेगा। सवाल उठता है कि टीबी का संक्रमण होते हुए भी कानन पेंडारी जू से नए काले हिरण क्यों लाए गए, जिससे उनके बीच भी संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया।
मौत की तारीखें
– 1 जनवरी से 31 मार्च के बीच: 6 हिरणों की मौत
– 10 अप्रैल: 1 हिरण की मौत
– 27 और 30 जून: 2 हिरणों की मौत
– 3, 19, और 28 जुलाई: 3 हिरणों की मौत
– 15, 16, 26, और 28 अगस्त: 4 हिरणों की मौत
इस सिलसिलेवार मौत से जंगल सफारी की प्रबंधन और वहां के वाइल्डलाइफ के स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं, जिससे अधिकारियों पर दबाव बढ़ता जा रहा है।