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रायपुर में भगवान महावीर का 2624वां जन्म कल्याणक महोत्सव: आदिनाथ की रजत विमान यात्रा और सामूहिक साधना का अद्भुत संगम

रायपुर में भगवान महावीर का 2624वां जन्म कल्याणक महोत्सव: आदिनाथ की रजत विमान यात्रा और सामूहिक साधना का अद्भुत संगम

RAIPUR NEWS – राजधानी रायपुर में भगवान महावीर का 2624वां जन्म कल्याणक महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस पावन अवसर पर, शहर के विभिन्न जैन मंदिरों में धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

आदिनाथ की भव्य रजत विमान यात्रा –

महोत्सव का मुख्य आकर्षण मालवीय रोड स्थित दिगंबर जैन मंदिर से निकाली गई भगवान आदिनाथ की भव्य रजत विमान यात्रा रही। इस यात्रा में भगवान आदिनाथ को एक सजे हुए रजत विमान में विराजमान किया गया, जिसे भक्तों ने श्रद्धापूर्वक खींचा। यात्रा के दौरान, श्राविकाओं ने कलश लेकर आगे बढ़कर शोभा बढ़ाई। यह यात्रा मालवीय रोड से शुरू होकर सदर बाजार जैन मंदिर, एडवर्ड रोड, आरएस शुक्ला रोड और चिकनी मंदिर होते हुए वापस दिगंबर जैन मंदिर पहुंची। यात्रा के दौरान, भक्तों ने भगवान महावीर के जयकारों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया।

2624 श्रावकों ने की सामूहिक साधना –

इस महोत्सव का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा 2624 श्रावकों द्वारा सामूहिक सामायिक साधना का आयोजन था। एमजी रोड स्थित दादाबाड़ी में आयोजित इस साधना में 16 वर्ष से लेकर 80 वर्ष तक के श्रावकों ने भाग लिया। 48 मिनट तक चली इस साधना में, भक्तों ने बिना पंखे, एसी या कूलर के, और बिना घड़ी या मोबाइल के, केवल भगवान के ध्यान में लीन रहे। इस सामूहिक साधना ने भक्तों को आत्म-शांति और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव कराया।

पक्षियों की सेवा का संकल्प –

श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर, भैरव सोसायटी में आयोजित जन्म कल्याणक महोत्सव में पक्षियों के लिए दाना फीडर और सकोरा का वितरण किया गया। सुबह की पूजा में भाग लेने वाले बच्चों ने गर्मी के मौसम में पक्षियों की सेवा करने का संकल्प लिया। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष बैद और महासचिव महेंद्र कोचर ने बताया कि रविवार से पक्षियों के लिए आधुनिक दाना-पानी फीडर और सकोरा का वितरण अभियान शुरू किया गया है। 25 मार्च से घुमंतू पशुओं के लिए हरा चारा वितरण पखवाड़ा भी मनाया जाएगा।

यह महोत्सव न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि इसने समुदाय को एक साथ लाने और आपसी सद्भाव को बढ़ावा देने का भी काम किया। इस महोत्सव ने जैन धर्म के सिद्धांतों को उजागर किया और भक्तों को भगवान महावीर के शांति, अहिंसा और प्रेम के संदेश का पालन करने के लिए प्रेरित किया।

इस महोत्सव में महावीर कोचर, सिद्धार्थ डागा और वीरेंद्र डागा जैसे प्रमुख व्यक्तियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

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