रायगढ़ – वित्त मंत्री को शिकायत मिलते ही शहर की सबसे बड़ी आवासीय कालोनी अटल विहार कालोनी में गड़बड़ी का मामला अब जांच में आ गया है। रविवार को टीम सहकारिता विस्तार अधिकारी केआर देवांगन और एमएल अनंत दो सदस्यों के साथ पहुंचे।कालोनीवासियो ने कई तथ्यों को छिपाने में लगे रहे, मानो घोटाले में लीपापोती नजर आने लगी थी।
कोतरा रोड स्थित अटल विहार कालोनी में सचिव को लेकर शुरू हुई बहस अब वित्तीय अनियमितता तक पहुंच गई है। 15 सदस्यों की अटल विहार गृह निर्माण रखरखाव समिति ने कलेक्टर और आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी से लिखित शिकायत की।जिस पर वित्त मंत्री ने मामले की जांच का आदेश दिया था, इसके बाद सहकारिता विभाग के उप आयुक्त जायसवाल ने कलेक्टर के निर्देश पर जांच समिति बनाई। सहकारिता विस्तार अधिकारी केआर देवांगन और एमएल अनंत इस जांच समिति में हैं।
रविवार को दोनों जांच अधिकारी ने अटल विहार गृह निर्माण सहकारी समिति के पूर्व अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष को एक नोटिस भेजा. नोटिस में रोकड़ पंजी, कार्रवाई पंजी, जनरल लेजर, वसूली पंजी और रसीद बुक, संबंधित व्ययों का प्रमाणक, संचालित बैंक खाता का रिपोर्ट, अंतिम अंकेक्षित वित्तीय पत्रक और अंतिम निर्वाचन की प्रारूप 26 पत्रक शामिल थे।
समिति के वरिष्ठ सदस्यों से पूछताछ कर जानकारी प्राप्त की है। तथा दस्तावेज भी जुटाए हैं। और उसकी गहन खोज में जुट गए हैं। रविवार अवकाश के दिन भी जांच दल आए, लेकिन वे कोई भी जानकारी देने से बचते रहे। इससे भी प्रश्न उठने लगे हैं।
तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष विनोद वस्त्रकार, सचिव रिंकी पांडेय, कोषाध्यक्ष डी आर सिंह और प्रबंधक शिप्रा शर्मा ने जांच दल को वर्तमान रिकार्ड दिखाए हैं। हाउसिंग बोर्ड ने पिछले 25 महीनों में 96 लाख 75500 रुपए और 20 लाख रुपए मैंटनेस का भुगतान किया है। जिसमें से ४० लाख रुपये एफडी एकाउंट में जमा हैं और समिति के खाता में 6-7 लाख रुपये हैं। चर्चा के दौरान समिति के अध्यक्ष ने कहा कि आरोप निराधार हैं। पूर्व अध्यक्ष ने कुछ दिनों का अतिरिक्त समय मांगा है।