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छत्तीसगढ़: भारत माला प्रोजेक्ट में 43 करोड़ का घोटाला, रसूखदारों ने ऐसे लूटी मुआवजा राशि

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अभनपुर तहसील क्षेत्र में भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बड़ा घोटाला सामने आया है। इस प्रोजेक्ट के तहत चार गांवों में 1.3939 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई थी, जिसके बदले 29.5 करोड़ रुपए का भुगतान होना था, लेकिन प्रशासन द्वारा 43.18 करोड़ रुपए अधिक मुआवजा राशि बांट दी गई।

कैसे हुआ घोटाला?

इस घोटाले में सबसे बड़ी धांधली यह रही कि जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई, उनमें अधिकतर रसूखदार लोग थे। इन प्रभावशाली लोगों ने अपनी जमीन को बैकडेट में कई टुकड़ों में विभाजित कर अपने परिवार के अन्य सदस्यों के नाम रजिस्ट्री करा ली। इस तरह एक ही खसरा नंबर की भूमि को कई हिस्सों में बांटकर फर्जी तरीके से अलग-अलग मुआवजा राशि प्राप्त की गई।

जांच में उजागर हुई हेराफेरी

इस घोटाले की शिकायत के बाद तत्कालीन अपर कलेक्टर राजस्व वीरेंद्र बहादुर पंचभाई और संयुक्त कलेक्टर निधि साहू ने जांच की। इस जांच में स्पष्ट रूप से मुआवजा घोटाले की पुष्टि हुई। रिपोर्ट 2023 में राजस्व मुख्यालय को भेजी गई, लेकिन तब से अब तक यह मामला दबा रहा। अब जब फाइल दोबारा खोली गई, तो शासन ने इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है।

किन गांवों में हुई गड़बड़ी?

घोटाले के तहत चार गांवों – नायकबांधा, भेलवाडीह, उरला और टोकनी में अतिरिक्त मुआवजा राशि का वितरण किया गया।

  • नायकबांधा: 28 खसरा नंबर, 1.8132 हेक्टेयर भूमि, 15.81 करोड़ अधिक मुआवजा
  • भेलवाडीह: 4 खसरा नंबर, 0.2238 हेक्टेयर भूमि, 8.80 करोड़ अधिक मुआवजा
  • उरला: 7 खसरा नंबर, 0.3070 हेक्टेयर भूमि, 26.92 करोड़ अधिक मुआवजा
  • टोकनी: 5 खसरा नंबर, 0.220 हेक्टेयर भूमि, 11.87 करोड़ अधिक मुआवजा

97 लोगों को गलत तरीके से मिला मुआवजा

जांच में यह भी सामने आया कि असली भूमि स्वामियों की संख्या 17 थी, लेकिन खसरा नंबरों के हेरफेर के बाद इसे 97 भूमिस्वामियों के नाम चढ़ा दिया गया। यानी एक ही जमीन को अलग-अलग हिस्सों में बांटकर मुआवजा लिया गया।

परिवार के सदस्यों के नाम पर बांटी गई राशि

इस फर्जीवाड़े में पूरे परिवारों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई।

  • किसी परिवार के 12 सदस्य
  • किसी के 10 सदस्य
  • कईयों के 7-6 सदस्यों
    के नाम पर जमीन चढ़ाकर सरकारी खजाने से करोड़ों की राशि हड़पी गई। यहां तक कि नौकर-चाकरों के नाम पर भी फर्जी दस्तावेज बनाकर मुआवजा लिया गया।

अब क्या होगी कार्रवाई?

राज्य शासन ने इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों और दोषियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। यह घोटाला प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का बड़ा उदाहरण है, जहां सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग कर करोड़ों की रकम हड़प ली गई।

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