छत्तीसगढ़: 14 साल बाद हो रही 5वीं-8वीं बोर्ड परीक्षा, फिर भी सभी छात्र होंगे पास
छत्तीसगढ़ में 14 साल बाद आयोजित होने वाली पांचवीं और आठवीं बोर्ड परीक्षाओं में फेल-पास का कोई प्रभाव नहीं होगा।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में 14 साल बाद आयोजित होने वाली पांचवीं और आठवीं बोर्ड परीक्षाओं में फेल-पास का कोई प्रभाव नहीं होगा। परीक्षा में असफल होने वाले छात्र भी अगली कक्षा में प्रवेश पाएंगे। लोक शिक्षण संचालनालय ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा है।
पूरक परीक्षा का भी असर नहीं, फिर भी मिलेगा अगली कक्षा में प्रवेश
सभी विषयों में अनुत्तीर्ण छात्रों को 1 जून से पूरक परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिलेगा। लेकिन यदि वे पूरक परीक्षा में भी फेल होते हैं, तब भी उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा।
पहली बार मई में लगेंगी विशेष कक्षाएं
- 30 अप्रैल को मुख्य परीक्षा के परिणाम घोषित होंगे।
- 1 जून से पूरक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
- मई में अनुत्तीर्ण छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं लगाई जाएंगी ताकि वे पूरक परीक्षा के लिए तैयार हो सकें।
- पहली बार मई में भी स्कूल संचालित किए जाएंगे, जिसमें शिक्षक विशेष अध्यापन करवाएंगे।
शिक्षकों और स्कूल संगठनों की आपत्ति
1. परीक्षा पर खर्च को लेकर सवाल
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने सरकार से सवाल उठाया कि जब सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करना ही है, तो इतनी बड़ी राशि खर्च करने का क्या औचित्य है? निजी स्कूलों से 5वीं के छात्रों के लिए 55 रुपए और 8वीं के छात्रों के लिए 60 रुपए प्रति छात्र लिया जा रहा है, जबकि परीक्षा को निशुल्क बताया गया था।
2. पास-फेल सिस्टम लागू करने की मांग
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पास-फेल प्रणाली फिर से लागू की गई है। यदि छत्तीसगढ़ भी केंद्र की नीति अपनाए, तो परीक्षा का सही उद्देश्य पूरा हो सकता है।
क्या कहती है शिक्षा नीति?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर करने और छात्रों को सीखने के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया गया है। लेकिन फेल-पास के बिना परीक्षा की गंभीरता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। शिक्षकों और स्कूलों का कहना है कि बिना किसी परीक्षा परिणाम के छात्रों को प्रमोट करने से शिक्षा स्तर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।