छत्तीसगढ़

धर्मांतरित 651 परिवारों की घर वापसी –

धर्मांतरित 651 परिवारों की घर वापसी -

Raipur News – 651 धर्मान्तरित परिवारों की सनातन धर्म में घर वापसी को लेकर अखिल भारती घर वापसी के प्रमुख प्रबल प्रताप जूदेव ने प्रेस वार्ता की। उनका कहना था कि सक्ती छत में पांव पखारकर 651 धर्मान्तरित परिवारों को उनके मूल धर्म में वापस लाया गया। ईसाई मिशनरी पिछले कई वर्षों से सक्ती और आसपास के जिलों में धर्म परिवर्तन की धमकी दे रहे हैं। धर्मान्तरण चुनाव पर प्रभाव डाल रहा है। क्षेत्र की पूरी डेमोग्राफी बदल रही है। यह बहुत गंभीर विषय है और चिंता का विषय है।

प्रबल प्रताप जूदेव ने कहा कि अमित जोगी को कोई मुद्दा नहीं है। आप उनकी स्थिति को देखते हैं। वह खुद को क्रिप्टो क्रिश्चियन बताकर मेरे पर लांछन लगा रहा है। जब भाजपा नहीं थी, मेरे पिता ने इसे शुरू किया था। आप अपने आप को सनातनी हिंदू बताते हैं, लेकिन आप अपनी जातीय पहचान नहीं जानते। यद्यपि वह हिंदू हैं, पंजाब के मुख्यमंत्री रहे चन्नी  साहब कुछ अलग तरह से कार्य करते हैं। ये सभी लोग हिंदू समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ राज्य भर में व्यापक अभियान चलाऊंगा।

जूदेव ने कहा कि सूचीकरण दूसरी बड़ी चुनौती है। वनवासी भाई। मैं अच्छा प्रदर्शन करूंगा ताकि वे लाभ प्राप्त करें।
कुछ लोग धर्मांतरित हो रहे हैं और इससे लाभ भी उठा रहे हैं। डीलिस्टिंग बहुत महत्वपूर्ण है। वनवासी समाज को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। इसके लिए मैं जशपुर से रायपुर तक पैदल चलूंगा।

प्रमुख प्रताप जूदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण एक प्रमुख सांस्कृतिक समस्या है। खासकर जनजातीय क्षेत्र धमांतरण के प्रति बहुत संवेदनशील हैं। ईसाई मिशनरीज भोले-भाले प्रकृति पूजकों को भ्रमित कर रहे हैं और उनका धर्म बदल रहे हैं। धर्म परिवर्तन के लिए मिशनरीज काम कर रहे हैं। वंचित लोग अपनी मूल संस्कृति को छोड़ रहे हैं। उन्हें असभ्य और सनातन धर्मविरोधी बनाया जा रहा है, जो समाज और देश के लिए खतरनाक है।

जूदेव ने बताया कि आज जनजातीय समाज की पहचान भी संकट में है। कई गांवों में मतांतरित वर्ग और मूल संस्कृति वाले लोगों में संघर्ष देखने को मिलता है। पिछले वर्ष बस्तर और छत्तीसगढ़ के अन्य भागों में भी कई घटनाएं हुईं। छत्तीसगढ़ को शांति का टापू कहा जाता था, लेकिन ईसाई मिशनरियों ने धर्मांतरण करके परिवार और समाज को बर्बाद कर दिया है।

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