रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने इस साल सेंट्रल पूल के लिए 70 लाख मीट्रिक टन चावल केंद्र सरकार को देने का फैसला किया है, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे गए 160 लाख मीट्रिक टन धान से तैयार होगा। राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के लिए 14.30 लाख मीट्रिक टन चावल सुरक्षित रखा जाएगा। इस बार की कस्टम मिलिंग नीति में कई नए प्रावधान किए गए हैं, जिनसे मिलिंग प्रक्रिया पर सख्त निगरानी रखी जाएगी।
“मिलिंग नीति के तहत मिलरों पर सरकार की सख्त निगरानी”
राज्य सरकार ने कस्टम मिलिंग के लिए एक सख्त नीति बनाई है जिसमें मिलरों को उनकी वार्षिक क्षमता का सिर्फ 75% धान दिया जाएगा। उच्च प्राथमिकता आधुनिक और गैर-व्यापारिक मिलों को दी जाएगी, और नियमों का उल्लंघन करने वाले मिलरों को मिलिंग से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
“राइस मिलों का होगा भौतिक सत्यापन और वीडियोग्राफी”
सरकार ने मिलरों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भौतिक सत्यापन का प्रावधान किया है। राज्य एवं एफसीआई के अधिकारी संयुक्त रूप से संग्रहण केंद्रों और राइस मिलों का निरीक्षण करेंगे। एसओपी में चेकलिस्ट और वीडियोग्राफी के माध्यम से सत्यापन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा। पिछली मिलिंग पूरी करने के बाद ही मिलरों को नए अनुबंध के लिए अनुमति दी जाएगी।