छत्तीसगढ़ में अटके हैं 87 हजार प्रधानमंत्री आवास , विभाग दिसंबर तक लक्ष्य पूरा करने में जुटा –
छत्तीसगढ़ में अटके हैं 87 हजार प्रधानमंत्री आवास , विभाग दिसंबर तक लक्ष्य पूरा करने में जुटा –
छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। प्रदेश में 87 हजार आवास अटके हैं, इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र और राज्य सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में 18 लाख से अधिक परिवारों को घर देने का लक्ष्य रखा था।
राज्य सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत हर परिवार के घर का सपना साकार करने का प्रयास कर रही है। प्रदेश में 87 हजार घरों को दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। यह आवास वर्ष-2023 में ही पूर्ण होने थे, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार की लापरवाही और धन की कमी के कारण ऐसा नहीं हुआ।
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में केंद्र 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत देती है। आवास पूर्ववर्ती सरकार में योजना का हिस्सा नहीं मिलने के कारण पूरा नहीं हो पाया है।
11 लाख 76 हजार 142 घर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत स्वीकृत हुए हैं। 10 लाख 88 हजार 329 घर इनमें से बनाए गए हैं। 2024 तक सभी को घर देने का लक्ष्य केंद्र सरकार का है। प्रधानमंत्री आवास योजना: ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित घरों में से 60 प्रतिशत से अधिक महिलाओं के पास हैं।
2016 से 2023 तक, केंद्र सरकार ने योजनांतर्गत 11,76,142 घरों का लक्ष्य रखा था। इसमें 2,77,765 अनुसूचित जनजाति, 2,25,776 अनुसूचित जाति, 5419 अल्पसंख्यक और 959 दिव्यांग हितग्राहियों के लिए आवास की अनुमति दी गई है। प्रधानमंत्री अवासा योजना-ग्रामीण प्रदेश में अप्रैल 2016 से लागू है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झूठ बोलने का आरोप लगाया –
प्रधानमंत्री आवास को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र और राज्य के मंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उनका दावा था कि राज्य और केंद्रीय मंत्री झूठ बोलने की कोशिश कर रहे हैं। विधानसभा में मंत्री ने स्वीकार किया कि 18 लाख आवासों की मांग करने वाली सरकार ने आज तक किसी भी हितग्राही को एक भी किस्त आवास नहीं दी है।
18 लाख आवास स्वीकृत करने के पहली कैबिनेट के प्रचार और विज्ञापनों से लोगों को आवास नहीं मिलेगा। कांग्रेस सरकार ने आवास के लिए बजट में धनराशि दी थी। केंद्र ने धन नहीं भेजा था, इसलिए 7.5 लाख लोगों को पहली किस्त भी दी गई थी।
केंद्र सरकार से स्वीकृति नहीं मिली है –
प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लंबित 15.18 लाख परिवारों को अभी तक आवास स्वीकृति नहीं मिली है। इसमें 8.19 लाख परिवार आवास प्लस और 6.99 लाख परिवार योजना के स्थायी प्रतीक्षा सूची शामिल हैं। इसके लिए अनुमति के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए 10,500 घरों की मांग की गई है।