छत्तीसगढ़ के सुकमा में 26 लाख के इनामी 9 नक्सलियों ने किया सरेंडर, सुरक्षाबलों को मिली बड़ी सफलता
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कोंटा में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। लंबे समय से वांछित 6 महिला नक्सलियों सहित कुल 9 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कोंटा में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। लंबे समय से वांछित 6 महिला नक्सलियों सहित कुल 9 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों पर कुल 26 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
नक्सलियों ने क्यों किया सरेंडर?
सुकमा एसपी के सामने सरेंडर करने वाले नक्सलियों में पीएलजीए बटालियन नंबर 1 का एक महत्वपूर्ण सदस्य भी शामिल है। सुरक्षा बलों की लगातार हो रही कार्रवाई और आत्मसमर्पण नीति के तहत मिलने वाले प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए इन नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
सरेंडर करने वालों को मिली प्रोत्साहन राशि
सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत नक्सलियों को उचित आर्थिक सहायता दी गई है। यह नीति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास लाने में अहम भूमिका निभा रही है।
20 मार्च को 30 नक्सली मारे गए थे
20 मार्च को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 30 नक्सली मारे गए थे। कांकेर जिले में भी 4 नक्सली ढेर हुए थे। मुठभेड़ में एक जवान ने वीरगति प्राप्त की थी।
सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई से बढ़ा आत्मसमर्पण का सिलसिला
बीते कुछ महीनों में सुरक्षाबलों की सफल कार्रवाई से नक्सल संगठन में भय का माहौल है। इसी के चलते सुकमा में 22 अन्य नक्सलियों ने भी आत्मसमर्पण किया था, जिनमें तेलंगाना स्टेट कमेटी और AOB डिवीजन के सदस्य शामिल थे।
हथियार भी किए गए बरामद
मुठभेड़ और सरेंडर के बाद बड़ी संख्या में हथियार भी बरामद हुए हैं। इनमें AK-47, SLR, इंसास, 303, 315 बोर और भरमार बंदूकें शामिल हैं। सुरक्षाबलों ने इन हथियारों को जब्त कर लिया है।
सरकार की पुनर्वास नीति बनी कारगर
छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों को न केवल आर्थिक सहायता दी जाती है, बल्कि उन्हें रोजगार और पुनर्वास के अवसर भी उपलब्ध कराए जाते हैं।