रायपुर में प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत, छत्तीसगढ़ रजत जयंती समारोह की तैयारियाँ जोरों पर

रायपुर में प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत, छत्तीसगढ़ रजत जयंती समारोह की तैयारियाँ जोरों पर।

रायपुर, छत्तीसगढ़: राजधानी रायपुर में आगामी 1 नवंबर को होने वाले छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती समारोह के लिए तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। रायपुर प्रधानमंत्री मोदी स्वागत इस ऐतिहासिक अवसर पर दौरा करेंगे।

रायपुर में प्रधानमंत्री मोदी का भव्य स्वागत — छत्तीसगढ़ रजत जयंती समारोह की शुरुआत

प्रधानमंत्री मोदी 31 अक्टूबर की रात राजधानी नगर पहुंचेंगे और 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ राज्य के 25 वर्षों की यात्रा को समर्पित ‘अमृत रजत महोत्सव’ का उद्घाटन करेंगे। यह समारोह राष्ट्रीय ज्योतिर्लिंग स्थल से प्रारंभ होगा, जहाँ प्रधानमंत्री औपचारिक रूप से महोत्सव का शुभारंभ करेंगे।

छत्तीसगढ़ रजत जयंती समारोह के प्रमुख कार्यक्रम

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दौरान निम्नलिखित प्रमुख कार्यक्रम आयोजित होंगे:

सत्संग भवन का उद्घाटन: सत्संग भवन का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री की यात्रा का हिस्सा होगा।

नव रायपुर में नया विधानसभा भवन उद्घाटन: राज्य के नए विधानसभा भवन का उद्घाटन किया जाएगा, जो आधुनिक वास्तुकला और सुविधाओं से लैस है।

शहीद वीरनारायण सिंह संग्रहालय का उद्घाटन: राज्य के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीरनारायण सिंह के योगदान को सम्मानित करने के लिए संग्रहालय का उद्घाटन होगा।

‘शांति शिखर’ का उद्घाटन: प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरिय विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित ‘शांति शिखर’ केंद्र का उद्घाटन भी प्रधानमंत्री करेंगे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल और रायपुर प्रधानमंत्री मोदी स्वागत

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अगस्त में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर उन्हें छत्तीसगढ़ के ‘अमृत रजत महोत्सव’ में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर उन्होंने राज्य के विकास की दिशा और आगामी योजनाओं पर भी चर्चा की।

छत्तीसगढ़ का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

छत्तीसगढ़ क्षेत्र की ऐतिहासिक जड़ें 4वीं शताब्दी ईस्वी में स्थापित हैं, जब इसे दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता था। इसका नाम “छत्तीसगढ़” का अर्थ “छत्तीस किलों” से है, जो रतनपुर के हेहया वंश से संबंधित है। मध्यकाल में यह क्षेत्र कलचुरी वंश के अधीन था, जिनकी राजधानी रतनपुर थी। ब्रिटिश शासन के दौरान, यह क्षेत्र मध्य प्रांत और बरार का हिस्सा था। 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत इसे मध्यप्रदेश में शामिल किया गया। हालांकि, 1990 के दशक में छत्तीसगढ़ को एक अलग राज्य बनाने की मांग जोर पकड़ने लगी। अंततः, 1 नवंबर 2000 को यह राज्य मध्यप्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया।

25 वर्षों में छत्तीसगढ़ का विकास

छत्तीसगढ़ ने पिछले 25 वर्षों में कई विकासात्मक मील के पत्थर हासिल किए हैं:

  • स्वास्थ्य क्षेत्र में उत्कृष्टता: राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने छत्तीसगढ़ को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत “सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य” घोषित किया है। यह राज्य के अस्पतालों की सक्रिय भागीदारी और स्वास्थ्य बीमा दावों की शीघ्रता से निपटान को दर्शाता है।
  • शिक्षा में सुधार: गैर्याबंद जिले में “उत्कृष्ट गढ़ियाबंद अभियान” के तहत, 12वीं कक्षा की परीक्षा में राज्य की रैंक 22 से बढ़कर 15 हो गई है। यह अभियान आदिवासी बहुल क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • आत्मनिर्भरता की ओर कदम: राज्य सरकार ने “कृषक उन्नति योजना” की शुरुआत की है, जिसके तहत किसानों को प्रति एकड़ 19,257 रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे उनकी आय और उत्पादन में वृद्धि हो रही है।

पर्यावरण और वन्य जीवन संरक्षण

छत्तीसगढ़ अपने समृद्ध वन्य जीवन और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, मानव-वन्य जीवन संघर्ष की घटनाएं भी सामने आई हैं, जैसे कि हाल ही में अंबिकापुर में हाथी के हमले में एक युवक की मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद, राज्य सरकार ने प्रभावित परिवार को 25,000 रुपये की सहायता प्रदान की और हाथियों को सुरक्षित वन क्षेत्रों में पुनः भेजने के प्रयास शुरू किए हैं।

नक्सलवाद पर नियंत्रण

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 18 से घटकर 11 हो गई है। हालांकि, छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर जिले अभी भी “अत्यधिक प्रभावित” क्षेत्र के रूप में सूचीबद्ध हैं। राज्य सरकार और केंद्रीय बलों की संयुक्त कार्रवाई से नक्सलवाद पर काबू पाया जा रहा है।

राज्य उत्सव और सांस्कृतिक पहचान

छत्तीसगढ़ राज्य उत्सव (राज्योत्सव) 1 नवंबर को मनाया जाता है, जो राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और विकास की उपलब्धियों का प्रतीक है। इस वर्ष, बस्तर का भव्य झांकी “बस्तर: संघर्ष से विकास की ओर” को गुजरात के एकता परेड में प्रदर्शित किया जाएगा, जो राज्य की सांस्कृतिक विविधता और विकास को दर्शाता है।

छत्तीसगढ़ ने अपनी स्थापना के 25 वर्षों में कई चुनौतियों का सामना करते हुए विकास की नई ऊँचाइयों को छुआ है। आने वाले वर्षों में, यह राज्य और भी प्रगति की ओर अग्रसर होगा, जो भारतीय संघ में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए रखेगा।











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