एसआईआर के विरोध में कांग्रेस का ‘हल्लाबोल’: 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में होगा विराट प्रदर्शन

एसआईआर के विरोध में कांग्रेस का 'हल्लाबोल': 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में होगा विराट प्रदर्शन; राहुल-खड़गे होंगे शामिल

संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी ने एक बड़ा राजनीतिक प्रदर्शन करने की घोषणा की है। पार्टी ने मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी और ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ (SIR) के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है।

कांग्रेस 14 दिसंबर 2025 को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन करेगी।

विरोध प्रदर्शन के मुख्य बिंदु

कांग्रेस इस रैली में ‘वोट चोरी’ के मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगी। पार्टी का आरोप है कि उन्हें लगातार कई राज्यों से शिकायतें मिल रही हैं कि:

  1. जानबूझकर छेड़छाड़: मतदाता सूचियों में जानबूझकर छेड़छाड़ की जा रही है।
  2. नाम हटाना और जोड़ना: मतदाताओं के नाम कहीं गलत तरीके से जोड़े जा रहे हैं, तो कहीं हटाए जा रहे हैं।

पार्टी का कहना है कि इस तरह की गड़बड़ियां देश में चुनाव की निष्पक्षता और लोकतंत्र पर सीधा हमला है। कांग्रेस मांग कर रही है कि चुनाव आयोग इस पूरे मामले की गहन और पारदर्शी जांच करे, ताकि मतदाता सूची विश्वसनीय बनी रहे।

कौन-कौन नेता होंगे शामिल?

इस बड़े विरोध प्रदर्शन और रैली में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी रहेगी।

  • शामिल होने वाले नेता: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, और प्रियंका गांधी वाड्रा प्रमुख रूप से मौजूद रहेंगे।
  • सोनिया गांधी की उपस्थिति: पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की उपस्थिति उनके स्वास्थ्य पर निर्भर करेगी।

रैली का राजनीतिक महत्व

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 14 दिसंबर की यह रैली कांग्रेस के लिए दो महत्वपूर्ण उद्देश्यों को पूरा करेगी:

  1. विपक्षी एकता: यह विपक्षी दलों को एक साझा मंच पर लाने का प्रयास होगा।
  2. कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना: यह प्रदर्शन 2025 के विधानसभा चुनावों और 2026 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में सक्रियता और जोश भरने का काम करेगा।

वहीं, सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस रैली को कांग्रेस की ‘राजनीतिक हताशा’ बताकर पलटवार कर सकती है।

कांग्रेस ने साफ किया है कि यह केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि लोकतंत्र और मतदान प्रक्रिया को साफ और विश्वसनीय बनाए रखने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *