साल 2025 की शुरुआत के साथ ही वैश्विक क्रिप्टो बाजार में भारी उथल-पुथल मच गई है। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमतों में अचानक और तेज गिरावट (क्रैश) दर्ज की गई है, जिससे पूरा क्रिप्टो बाजार लाल निशान में आ गया है। इस अप्रत्याशित गिरावट ने निवेशकों में दहशत पैदा कर दी है, जिसके चलते बड़ी संख्या में बिकवाली देखने को मिल रही है।
कीमतों में गिरावट के संभावित कारण
बाजार विश्लेषकों ने बिटकॉइन की कीमत में आई इस भारी गिरावट के पीछे कई संभावित कारण बताए हैं:
- नियामक अनिश्चितता (Regulatory Uncertainty): कई प्रमुख देशों की सरकारों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पर सख्त नए नियम या प्रतिबंध लगाने की खबरों ने निवेशकों के सेंटीमेंट को बुरी तरह प्रभावित किया है।
- मैक्रो-इकोनॉमिक कारक: वैश्विक ब्याज दरों में वृद्धि और उच्च मुद्रास्फीति के कारण निवेशक जोखिम वाली संपत्तियों (Risk Assets) जैसे क्रिप्टोकरेंसी से पैसा निकालकर सुरक्षित विकल्पों (Safe Havens) की ओर रुख कर रहे हैं।
- बड़ी बिकवाली (Whale Selling): बाजार में ऐसी अफवाहें हैं कि कुछ बड़े बिटकॉइन धारकों (‘व्हेल’) ने भारी मात्रा में बिटकॉइन बेचा है, जिससे आपूर्ति बढ़ गई और कीमतें गिर गईं।
- तकनीकी प्रतिरोध: तकनीकी चार्ट पर बिटकॉइन एक महत्वपूर्ण समर्थन स्तर (Support Level) को बनाए रखने में विफल रहा, जिसके बाद स्वचालित बिकवाली (Automated Selling) शुरू हो गई।
अन्य क्रिप्टोकरेंसी पर असर
बिटकॉइन के क्रैश होने का असर पूरे क्रिप्टो बाजार पर पड़ा है। ईथर (Ether), सोलाना (Solana) और अन्य प्रमुख ऑल्टकॉइन्स की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे घबराहट में बिकवाली करने से बचें और बाजार की स्थिति सामान्य होने तक इंतजार करें।