भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर अगले सप्ताह बड़ी बैठक, टैरिफ कटौती पर फोकस

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर अगले सप्ताह एक बड़ी बैठक होने वाली है, जिसमें दोनों देशों के बीच लंबित व्यापार मुद्दों और टैरिफ (शुल्क) कटौती पर चर्चा होने की संभावना है।

भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से लंबित व्यापार समझौता (Trade Deal) अब पटरी पर आता दिख रहा है। अगले सप्ताह दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है, जिसमें व्यापार संबंधी कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक गतिरोधों को दूर करना और द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करना है।

बैठक का एजेंडा और चर्चा के मुख्य बिंदु

वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस आगामी बैठक में निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर फोकस किया जा सकता है:

  1. टैरिफ (शुल्क) का मुद्दा: दोनों देशों के बीच कई उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ को कम करने या खत्म करने पर गहन चर्चा होगी। भारत कुछ अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क कम करने पर विचार कर सकता है, जबकि अमेरिका भी भारत के कुछ उत्पादों को ड्यूटी-फ्री पहुंच प्रदान करने पर विचार कर सकता है।
  2. लंबित व्यापार मुद्दे: बैठक में उन सभी लंबित व्यापारिक मुद्दों को सुलझाने की कोशिश की जाएगी, जो विश्व व्यापार संगठन (WTO) में उठाए गए थे या दोनों देशों के बीच व्यापार में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं।
  3. जीएसपी (GSP) बहाली: भारत, अमेरिका से सामान्यीकृत प्राथमिकता प्रणाली (Generalized System of Preferences – GSP) को बहाल करने की मांग कर सकता है। जीएसपी बहाल होने से भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में शुल्क-मुक्त पहुंच मिल सकेगी, जिससे व्यापार में काफी वृद्धि होगी।
  4. सेवा क्षेत्र: सेवा क्षेत्र में व्यापार को आसान बनाने और पेशेवरों के आवागमन से संबंधित मुद्दों पर भी बात हो सकती है।

द्विपक्षीय संबंधों पर असर

भारत और अमेरिका दोनों ही एक-दूसरे के लिए महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार हैं। यह बैठक दोनों देशों के बीच व्यापारिक विश्वास को बढ़ाने और व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकती है। दोनों देश तेजी से बढ़ते व्यापार संबंधों को देखते हुए, एक ऐसा समझौता चाहते हैं जो दोनों पक्षों के हित में हो और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में स्थिरता लाए।

बैठक के सफल होने पर, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।

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