चीन में मानवाधिकारों के उल्लंघन और विदेशी नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक भारतीय ब्लॉगर ने अपनी चीन यात्रा के दौरान वहां की पुलिस और प्रशासन द्वारा की गई बर्बरता की दर्दनाक कहानी साझा की है। ब्लॉगर का आरोप है कि उन्हें बिना किसी ठोस कारण के हिरासत में लिया गया और लगभग 15 घंटों तक पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधा से भी वंचित रखा गया।
15 घंटे का खौफनाक अनुभव
भारतीय ब्लॉगर ने बताया कि उन्हें चीनी अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया और पूछताछ के नाम पर मानसिक प्रताड़ना दी। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि हिरासत के दौरान उन्हें पानी तक नहीं दिया गया। ब्लॉगर के अनुसार, “प्यास के कारण गला सूख रहा था, लेकिन बार-बार अनुरोध करने के बावजूद चीनी अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा।” यह घटना दिखाती है कि कैसे ‘ड्रैगन’ अपने देश में आने वाले पर्यटकों और कंटेंट क्रिएटर्स पर सख्त और अमानवीय नियंत्रण रखने की कोशिश करता है।
विदेशी पर्यटकों के लिए बढ़ता खतरा
यह पहली बार नहीं है जब चीन में किसी विदेशी नागरिक को इस तरह की संदिग्ध परिस्थितियों में हिरासत में लिया गया हो। हाल के वर्षों में चीन ने अपने जासूसी विरोधी कानूनों को बेहद कड़ा कर दिया है, जिसकी आड़ में अक्सर निर्दोष यात्रियों को निशाना बनाया जाता है। भारतीय ब्लॉगर ने आगाह किया कि चीन की यात्रा करना अब पहले जैसा सुरक्षित नहीं रहा, खासकर उन लोगों के लिए जो सोशल मीडिया या व्लॉगिंग के जरिए वहां की जमीनी हकीकत दिखाना चाहते हैं।
कूटनीतिक चिंताएं
इस घटना ने सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग भारत सरकार और विदेश मंत्रालय से इस मामले में हस्तक्षेप करने और चीनी अधिकारियों के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराने की मांग कर रहे हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को बुनियादी मानवीय जरूरतों जैसे भोजन और पानी से वंचित करना अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन है।