साल के अंत में भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में निवेशकों के लिए सोमवार का दिन निराशाजनक रहा। 30 दिसंबर को बाजार खुलते ही बिकवाली का दबाव देखा गया, जिसके कारण प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेतों और मुनाफावसूली (Profit Booking) के चलते बाजार का सेंटिमेंट बिगड़ गया।
प्रमुख सेक्टर्स का हाल
आज के कारोबार में सबसे ज्यादा मार बैंकिंग, रियल्टी और मीडिया स्टॉक्स पर पड़ी है। निफ्टी बैंक और निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में 1% से अधिक की गिरावट देखी गई। एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई जैसे दिग्गज शेयरों में गिरावट ने निफ्टी को नीचे धकेलने में बड़ी भूमिका निभाई। इसके अलावा, मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी दबाव में रहे, जिससे साफ है कि बाजार के हर कोने में बिकवाली हावी रही।
वैश्विक बाजारों का प्रभाव
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की भविष्य की नीतियों और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाओं ने भारतीय निवेशकों को सतर्क कर दिया है। एशियाई बाजारों में कमजोरी और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा की जा रही लगातार निकासी ने घरेलू बाजार की स्थिति को और संवेदनशील बना दिया है। इसके अतिरिक्त, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने भी बाजार की चाल को प्रभावित किया है।
निवेशकों के लिए आगे की राह
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि साल के आखिरी दिनों में कम वॉल्यूम और टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग के कारण उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे वर्तमान गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में देखें लेकिन केवल गुणवत्तापूर्ण शेयरों पर ही दांव लगाएं। फिलहाल बाजार के लिए निफ्टी का 24,000 का स्तर एक महत्वपूर्ण सपोर्ट जोन बना हुआ है।