Breaking News

मकर संक्रांति: राजिम में आस्था और विश्वास का अद्भुत संगम

छत्तीसगढ़ के प्रयाग कहे जाने वाले राजिम में मकर संक्रांति का पर्व पूरे हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया गया। कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था कम नहीं हुई।

सोमा शर्मा, राजिम। छत्तीसगढ़ के प्रयाग कहे जाने वाले राजिम में मकर संक्रांति का पर्व पूरे हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया गया। कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था कम नहीं हुई। सुबह 3:30 बजे से ही दूर-दूर से पहुंचे भक्त त्रिवेणी संगम में स्नान और दान के लिए एकत्र हुए।

स्नान और पूजा का पवित्र आयोजन

स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने संगम के तट पर बालू से शिवलिंग बनाकर शिव जी की पूजा-अर्चना की। पवित्र त्रिवेणी संगम में दीप प्रज्वलित करने के बाद भक्तों ने श्री राजीव लोचन मंदिर और कुलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा की।

मकर संक्रांति का महत्व और ज्योतिषीय संयोग

मकर संक्रांति पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं।

  • इस बार 19 साल बाद भौम पुष्प का शुभ संयोग बना।
  • माघ माह की प्रतिपदा तिथि और पुनर्वसु नक्षत्र के साथ पुष्य नक्षत्र का अद्भुत संयोग हुआ।
  • ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया।

राजिम कल्प कुंभ का आगाज

महाकुंभ में शामिल न हो पाने वाले भक्तों ने राजिम कल्प कुंभ में आस्था व्यक्त की।

  • राजिम, जहां पैरी, सोंधुर, और महानदी का संगम है, श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है।
  • नदी के मध्य स्थित कुलेश्वर महादेव मंदिर का भी विशेष महत्व है।
  • मान्यता है कि वनवास काल के दौरान माता सीता ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी।
  • कल्प कुंभ का शुभारंभ 12 फरवरी से हुआ है और यह शिवरात्रि तक चलेगा।

राजिम: छत्तीसगढ़ का प्रयाग

राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है। राजधानी रायपुर से लगभग 45 किमी दूर स्थित यह स्थल धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है। मकर संक्रांति और कल्प कुंभ के आयोजनों ने इसे और भी विशेष बना दिया है।

समाप्ति

राजिम में मकर संक्रांति का पर्व आस्था, विश्वास और ज्योतिषीय संयोगों के साथ मनाया गया। कल्प कुंभ और त्रिवेणी संगम के महत्व ने इस आयोजन को और भी भव्य बना दिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button