आचार्यश्री अवतरण दिवस….सभी जैन मंदिर जी में 16 अक्टूबर एक साथ “आचार्य छत्तीसी विधान”
आचार्यश्री अवतरण दिवस….सभी जैन मंदिर जी में 16 अक्टूबर एक साथ “आचार्य छत्तीसी विधान”
रायपुर, छत्तीसगढ़ के दिगम्बर जैन समाज से सूचना मिली है कि 16.10.2024 को पूरे छत्तीसगढ़ के सभी मंदिरों मेंएक साथ “आचार्य छत्तीसी विधान” होगा, जो एक विश्व रिकॉर्ड बनेगा। इसके लिए कल 16.10.2024 को तीनों मंदिर जी में “आचार्य छत्तीसी विधान” होना है।
“आज के धरती के भगवान संत शिरोमणि आचार्य गुरुवर 108 श्री विद्यासागर जी महामुनिराज का जन्म उनके स्वयं के आत्म कल्याण व मोक्ष मार्ग का एक सोपान तय करने के लिए तो हुआ ही था किन्तु आपने ये अपने हृदय मे कभी विचार किया कि आज पंचम काल के इस युग मे चतुर्थ काल के मुनि का अवतरण क्या हम लोगों के आत्म कल्याण व जीवन के उत्थान के लिए नहीं हुआ था, वे स्वयं तो वीतराग मार्ग के पथिक थे ही किन्तु हजारों की संख्या मे कितने ही शिष्य उनके द्वारा दीक्षित होकर अपना कल्याण तो कर ही रहें है और उन सभी के सानिध्य मे हम भी अपने जीवन का कुछ न कुछ शक्तिनुसार कल्याण कर ही रहें है।
पूरी दुनिया के सबसे बड़े आचार्य श्री के उपकारों से सम्मानित है, लेकिन आचार्य श्री का छत्तीसगढ़ और उसकी श्राविकाओं पर विशेष कृपा रही है. उनके आशीर्वाद और सानिध्य में चंद्रगिरी डोंगरगढ़ का निर्माण छत्तीसगढ़ वासियों का सबसे बड़ा उपलब्धि था. इतिहास में उनका जन्म स्थान सदलगा(कर्नाटक ), दीक्षा स्थान नसीराबाद (राजस्थान )और समाधी स्थल डोंगरगढ़ (छत्तीसगढ़) हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों मे अंकित रहेगा
आचार्य श्री जी के सरल स्वाभावी शिष्य ब्रह्मचारी आदरणीय सुनील भैया जी के मार्गदर्शन और उनके भक्तों के तत्वाधान में 16 अक्टूबर 2024 बुधवार को छत्तीसगढ़ के सभी मंदिरों में एक साथ आचार्य छत्तीसी विधान की पूजा की जाएगी.
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को विश्व रिकार्ड में दर्ज करने के लिए, मंदिरों के सभी पदाधिकारियों, श्रावकों और श्राविकाओं को अपने परिवार के साथ इस विधान में शामिल होना चाहिए, पुण्यार्जन करना चाहिए और अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहिए।