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अडानी विवाद : लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा – “आरोप से फर्क नहीं पड़ता, सदन चलाना हमारी प्राथमिकता है”

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लगातार हंगामे और विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं। इस सत्र में सबसे बड़ा मुद्दा अडानी विवाद बना हुआ है, जिस पर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल केंद्र सरकार से जवाब मांग रहे हैं। इस बीच, राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात की और संसद की कार्यवाही के दौरान हो रहे गतिरोध पर अपनी बात रखी।

राहुल गांधी ने कहा, “हमारे ऊपर लगातार आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि सदन चले और सभी मुद्दों पर चर्चा हो। BJP हमेशा अडानी विवाद से ध्यान भटकाने के लिए हमें उकसाती है, लेकिन हम आरोपों से नहीं डरते। हमारी प्राथमिकता सदन की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाना है।” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य देश के विकास और जनता की समस्याओं पर चर्चा करना है, न कि किसी विवाद में फंसना।

राहुल गांधी ने आगे कहा, “BJP को सोरोस और अडानी से संबंधित आरोपों पर समय बर्बाद करने का शौक है, लेकिन हमें इस से कोई फर्क नहीं पड़ता। हम चाहते हैं कि सदन में हर मुद्दे पर खुलकर चर्चा हो और इस प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि संसद की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाना उनकी पार्टी की प्राथमिकता है, और कांग्रेस इस पर कोई समझौता नहीं करेगी।

इससे पहले, संसद परिसर में अडानी मुद्दे पर विरोध करते हुए राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को गुलाब का फूल और तिरंगा भेंट किया। यह विरोध तब हुआ जब राजनाथ सिंह अपनी कार से संसद परिसर में पहुंचे। कांग्रेस ने इस विरोध के जरिए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह अडानी से जुड़े रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा से बच रही है।

राहुल गांधी ने पार्टी के सांसदों को सलाह दी कि वे INDIA ब्लॉक के नेताओं के बयानों पर प्रतिक्रिया न दें, क्योंकि कांग्रेस विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी है और उनका मुख्य उद्देश्य लोगों की समस्याओं का समाधान करना है, न कि छोटे विवादों में फंसना।

राहुल गांधी का यह बयान और उनका अनोखा विरोध तरीका इस बात का प्रतीक है कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर अपनी रणनीति को लेकर स्पष्ट है। उनका मानना है कि लोकतंत्र में चर्चा और बहस का अधिकार हर पार्टी का है, और संसद में कोई भी मुद्दा उठाने से उन्हें नहीं डरना चाहिए।

 

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