
RAIPUR NEWS – छत्तीसगढ़ में नई कलेक्टर गाइडलाइन लागू करने की दिशा में प्रशासनिक तैयारियां तेज़ हो गई हैं। इस गाइडलाइन के तहत भूमि और संपत्ति के मूल्यांकन से संबंधित आंकड़ों का नया सर्वेक्षण किया जा रहा है, जिसके लिए जिला स्तर पर राजस्व और पंजीयन विभाग की टीमें सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। इस कार्य में उप पंजीयक (डिप्टी रजिस्ट्रार), तहसीलदार, और पटवारी जैसे अधिकारी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
सर्वेक्षण प्रक्रिया को व्यवस्थित और समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए राजधानी रायपुर सहित राज्य के अधिकांश पंजीयन कार्यालयों में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक की रजिस्ट्री सेवाओं को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। इसका सीधा असर उन नागरिकों पर पड़ा है जो सुबह के समय रजिस्ट्री कराने आते थे। अब उन्हें दोपहर 12 बजे के बाद की स्लॉट ही मिल रही है, जिससे गर्मी के मौसम में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
रायपुर के पंजीयन कार्यालय में रोजाना औसतन 100 से अधिक रजिस्ट्रियां होती हैं। आमतौर पर सुबह के दो घंटे में बड़ी संख्या में लोग अपनी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराते थे, लेकिन अब इन घंटों में अधिकारी फील्ड सर्वे और डेटा संग्रहण कार्य में व्यस्त हैं। इससे दिन भर की रजिस्ट्रियों की संख्या भी प्रभावित हुई है।
पंजीयन विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि यह व्यवस्था 30 अप्रैल तक लागू रहेगी। इसके बाद स्थिति की समीक्षा कर आगे का निर्णय लिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस अस्थायी असुविधा को समझें और सहयोग करें, क्योंकि यह कार्य राज्य में जमीन की कीमतों और रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
राजस्व विभाग का मानना है कि इस नए सर्वे के जरिए न केवल गाइडलाइन दरों को यथार्थ रूप में अपडेट किया जा सकेगा, बल्कि भविष्य में संपत्ति पंजीकरण से जुड़े विवादों को भी काफी हद तक रोका जा सकेगा।
राज्य सरकार इस पूरी प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उम्मीद है कि नई गाइडलाइन के लागू होते ही भूमि बाजार में पारदर्शिता और स्थिरता दोनों आएंगी।