छत्तीसगढ़

कवर्धा में सुशासन तिहार में अफसरों की गैरहाजिरी पर प्रशासन सख्त, जवाब न देने पर होगी कड़ी कार्रवाई

कवर्धा में सुशासन तिहार में अफसरों की गैरहाजिरी पर प्रशासन सख्त, जवाब न देने पर होगी कड़ी कार्रवाई

कवर्धा जिले में शासन के निर्देश पर आयोजित सुशासन तिहार कार्यक्रम में अधिकारियों की गैरहाजिरी को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार किया है। इस विशेष कार्यक्रम का उद्देश्य आम जनता को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराना और सीधे संवाद स्थापित करना था, ताकि लोग लाभकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठा सकें। लेकिन इस जनहितैषी आयोजन में कुछ अधिकारी गैरहाजिर रहे, जिससे सरकार की मंशा पर पानी फिरता दिखाई दिया।

कलेक्टर ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। उन्हें स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी गई है कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर जवाब नहीं दिया गया तो विभागीय जांच के साथ-साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर ने कहा कि ऐसे सार्वजनिक और महत्वपूर्व आयोजनों में सभी विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होती है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से ही आम जनता की समस्याएं सुनी जाती हैं और योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाता है। ऐसे में अधिकारियों की अनुपस्थिति न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि यह जनता के साथ विश्वासघात के समान है।

उन्होंने आगे कहा कि “सुशासन” का वास्तविक अर्थ तभी सार्थक हो सकता है जब प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहे और हर अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को समय पर निभाए। आने वाले समय में यदि कोई भी अधिकारी इस प्रकार की लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो।

प्रशासन की इस सख्ती को जनता ने भी सराहा है। लोगों का कहना है कि अफसरों को जवाबदेह बनाने की दिशा में यह कदम बेहद ज़रूरी है, ताकि वे भी अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें।

अब सभी की नजर इस पर टिकी है कि लापरवाह अधिकारियों की ओर से क्या जवाब आता है और प्रशासन इस पर आगे क्या कार्रवाई करता है। यह घटनाक्रम अन्य जिलों के लिए भी एक चेतावनी बन सकता है।

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