छत्तीसगढ़

ईडी की कार्रवाई के बाद बोले कवासी लखमा- ‘मैं अनपढ़ हूं, अधिकारी कराते रहे हस्ताक्षर…

ईडी की कार्रवाई के बाद बोले कवासी लखमा- ‘मैं अनपढ़ हूं, अधिकारी कराते रहे हस्ताक्षर…

Raipur News – कोंटा विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्रवाई तेज कर दी है। शनिवार को ED ने उनके स्थानों पर छापा मारकर पूछताछ की। लखमा ने कहा कि कार्रवाई राजनीतिक थी। उनका कहना था कि उन्हें और उनके बेटे को ED ने पूछताछ के लिए बुलाया है।

मीडिया से बातचीत में कवासी लखमा ने कहा कि क्योंकि उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान कई बड़े घोटालों को उजागर किया था, इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उधर, उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि ईडी जांच साक्ष्य पर आगे बढ़ रही है। राजनिति इससे संबंधित नहीं है।

मीडिया से बातचीत में कवासी लखमा ने कहा कि क्योंकि उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान कई बड़े घोटालों को उजागर किया था, इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। नगरीय निकाय चुनावों से पहले भाजपा को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया।

घर खोजा गया, लेकिन कुछ भी नहीं मिला-

“मेरा घर खंगाला गया, लेकिन कुछ भी नहीं मिला,” लखमा ने कहा। एपी त्रिपाठी जैसे अधिकारियों ने मुझे अनपढ़ रखा था। मैं सिर्फ फाइलों पर अपने हस्ताक्षर लगाता था। मुझे इस घोटाले की कोई जानकारी नहीं है। ED से कुछ समय मांगा हूँ, और मैं पूरी जानकारी देंगे। मेरे और बेटे का मोबाइल ईडी अधिकारी ने साथ ले गया है। मैं भी घोटाले के बारे में पूछा गया।

शराब घोटाले की जांच-

याद रखें कि ED ने 2,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश कवासी, पूर्व ओएसडी जयंत देवांगन, सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू, ठेकेदार रामशरण सिंह भदौरिया, पार्टी नेता सुशील ओझा और उनके निकट सहयोगी रामभुवन कुशवाहा को दोषी ठहराया। सात व्यक्तियों के घरों से दस्तावेज जब्त किए गए थे।

ED की एक टीम ने रायपुर के धरमपुरा में कवासी लखमा के बंगले में लगभग 14 घंटे पूछताछ की थी। उनकी कार भी खोजी गई थी। मंत्री रहते हुए कवासी लखमा को हर महीने 50 लाख रुपये कमीशन दिया गया था। शनिवार को ED ने सात स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें दस्तावेज जब्त किए गए।

कार्रवाई राजनीति का हिस्सा नहीं- अरुण साव

लखमा के आरोपों को खारिज करते हुए उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि यह कार्रवाई किसी राजनीतिक साजिश का भाग नहीं है। उनका कहना था कि शराब घोटाले की जांच बहुत पुरानी है। ED ने यह कदम साक्ष्य के आधार पर उठाया है। मंत्री के रूप में लखमा को यह काम करना था। ED तर्कों पर विचार करेगा। राज्य सरकार पूरी तरह से पारदर्शी है।

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