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जांजगीर-चांपा: चार महीने बाद पांच वैध रेत घाटों से प्रतिबंध हटा, रेत की किल्लत में कमी की उम्मीद

जांजगीर-चांपा जिले के पांच वैध रेत घाटों पर चार महीने से लगा प्रतिबंध आज से हटा लिया गया है। इससे रेत की कमी कुछ हद तक दूर होने की उम्मीद जताई जा रही है

जांजगीर-चांपा जिले के पांच वैध रेत घाटों पर चार महीने से लगा प्रतिबंध आज से हटा लिया गया है। इससे रेत की कमी कुछ हद तक दूर होने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, प्रतिबंध के दौरान भी रेत माफिया अवैध रूप से हसदेव, महानदी और अन्य सहायक नदियों से रेत का उत्खनन और परिवहन करते रहे, जिससे खनिज विभाग की कार्यवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

वैध और अवैध रेत घाटों की स्थिति:

वर्तमान में जिले में केवल पांच रेत घाट ही वैध रूप से संचालित हो रहे हैं, जिनमें घुठिया, लछनपुर, बरबसपुर, चांपा और नवागांव शामिल हैं। वहीं, आठ और रेत घाटों को शुरू करने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। लेकिन, जिले के कई अन्य घाटों, जिनका ठेका **दो साल पहले समाप्त हो चुका है, जैसे पीथमपुर, शिवरीनारायण, बलौदा आदि, से भी अवैध रूप से उत्खनन जारी है।

अवैध उत्खनन की समस्या:

रिपोर्ट्स के अनुसार, जिले के नौ रेत घाट जो दो साल से बंद हैं, वहां से भी बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन हो रहा है। रेत माफिया लगातार इन घाटों से रेत का परिवहन कर रहे हैं। अब प्रशासन इन घाटों को भी फिर से चालू करने की योजना बना रहा है, क्योंकि ये बड़े रेत घाट हैं और इनसे जिले में रेत की आपूर्ति बढ़ाई जा सकती है।

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