Breaking News

अहमदाबाद विमान दुर्घटना: बांसवाड़ा के डॉक्टर परिवार का दुखद अंत –

अहमदाबाद विमान दुर्घटना: बांसवाड़ा के डॉक्टर परिवार का दुखद अंत -

अहमदाबाद, गुजरात के अहमदाबाद में एक भीषण विमान दुर्घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। एयर इंडिया का एक विमान उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद मेघानी नगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें विमान में सवार सभी 242 यात्रियों की दुखद मौत हो गई। बाद की रिपोर्टों ने मृतकों की संख्या 265 बताई, जो इस हादसे की भयावहता को और बढ़ा देती है। इस हृदय विदारक घटना ने कई परिवारों को हमेशा के लिए तोड़ दिया, और इन्हीं में से एक था राजस्थान के बांसवाड़ा का डॉ. प्रतीक जोशी का पूरा परिवार।

दुर्घटनाग्रस्त विमान में डॉ. प्रतीक जोशी, उनकी पत्नी डॉ. कोमी व्यास और उनके तीन मासूम बच्चे सवार थे। यह परिवार अपने बेहतर भविष्य की तलाश में लंदन जा रहा था। डॉ. कोमी व्यास ने हाल ही में अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था, और परिवार दो महीने से बांसवाड़ा में अपने बच्चों के वीजा के अनुमोदन का इंतजार कर रहा था। जैसे ही वीजा मिला, उन्होंने तुरंत लंदन के लिए उड़ान भरने का फैसला किया, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

विमान ने अहमदाबाद से जैसे ही उड़ान भरी, कुछ ही देर में वह तकनीकी खराबी का शिकार हो गया और मेघानी नगर के रिहायशी इलाके में जा गिरा। यह हादसा इतना भीषण था कि विमान के परखच्चे उड़ गए और पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। घटनास्थल पर तत्काल बचाव दल और पुलिस पहुंच गई, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि बचाव कार्य में काफी बाधा आई। विमान के मलबे से सिर्फ धुआँ और चीखें सुनाई दे रही थीं, जिसने पूरे माहौल को गमगीन कर दिया।

डॉ. प्रतीक जोशी ने उड़ान भरने से ठीक पहले अपने परिवार के साथ एक सेल्फी ली थी। यह सेल्फी, जो खुशी और नई उम्मीदों से भरी हुई थी, अब परिवार की आखिरी तस्वीर बन गई है। यह तस्वीर इस दुखद घटना का एक मार्मिक प्रतीक बन गई है, जो दिखाता है कि कैसे एक पल में जिंदगी का पूरा ताना-बाना बिखर सकता है। डॉ. जोशी और डॉ. व्यास दोनों ही अपने क्षेत्र में प्रतिष्ठित चिकित्सक थे, और उनके असामयिक निधन से न केवल उनके परिवार, बल्कि बांसवाड़ा के उनके गृहनगर और उनके मरीजों को भी गहरा सदमा लगा है।

इस दुर्घटना के बाद, मृतकों की पहचान एक बड़ी चुनौती बन गई थी, क्योंकि कई शव बुरी तरह जल गए थे। डीएनए परीक्षण और अन्य फोरेंसिक तरीकों का उपयोग करके शवों की पहचान करने में काफी समय लगा। इस दौरान, पीड़ित परिवारों को अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी का इंतजार करना पड़ा, जिसने उनकी पीड़ा को और बढ़ा दिया।

अधिकारियों ने दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की टीमें, एयर इंडिया के अधिकारी और अन्य विशेषज्ञ घटनास्थल पर पहुंचकर साक्ष्य जुटा रहे हैं। ब्लैक बॉक्स की तलाश की जा रही है, जिससे विमान दुर्घटना के अंतिम क्षणों और संवादों का पता चल सके। प्रारंभिक जांच में तकनीकी खराबी की आशंका जताई जा रही है, लेकिन विस्तृत जांच के बाद ही सटीक कारण का पता चल पाएगा।

यह दुखद दुर्घटना भारतीय विमानन इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है। इसने न केवल 265 बहुमूल्य जानें ले लीं, बल्कि सैकड़ों परिवारों को कभी न भरने वाला घाव दे दिया। बांसवाड़ा के डॉ. प्रतीक जोशी के परिवार की कहानी इस त्रासदी का एक दर्दनाक पहलू है, जो हमें याद दिलाती है कि जीवन कितना अनिश्चित और क्षणभंगुर है। इस घटना ने एक बार फिर विमान सुरक्षा मानकों की समीक्षा और उन्हें और मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button