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एमिटी विवि विवाद: हॉस्टल में आधी रात को हिंसा, छात्र संगठनों का प्रदर्शन

रायपुर – खरोरा स्थित एमिटी विश्वविद्यालय के हॉस्टल में आधी रात को ऐसा हंगामा हुआ जिसने छात्रों के बीच डर और तनाव फैला दिया। आरोप है कि चाकू-डंडे जैसे हथियार लेकर कुछ युवकों ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की। यह घटना एक व्यक्तिगत विवाद से शुरू हुई, जो बाद में गंभीर हिंसा में बदल गई।

क्या हुआ?

सूत्रों के मुताबिक, विवाद की शुरुआत बीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र हर्ष और दूसरे गुट के फैजल खान के बीच हुई। फैजल ने हर्ष को एक लड़की से बातचीत करने से रोका था, जो दोनों गुटों के बीच तनाव का कारण बना। घटना के तीन दिन बाद, फैजल ने अपने साथियों के साथ हॉस्टल में घुसकर हर्ष और अन्य छात्रों की पिटाई कर दी। इस दौरान छात्रों ने आरोप लगाया कि उनके हाथों में चाकू और डंडे थे।

घटना के दौरान हॉस्टल में भारी हंगामा हुआ, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। छात्रों का कहना है कि विवि प्रशासन को समय रहते सूचित किया गया, लेकिन उचित कार्रवाई में देरी की गई। इससे छात्रों में गुस्सा और डर दोनों बढ़ गया।

प्रशासन का रुख

एमिटी विवि के रजिस्ट्रार डॉ. सुरेश ध्यानी ने इस मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित करने की घोषणा की। उनका कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

छात्र संगठनों का आक्रोश

घटना के बाद, एबीवीपी और एनएसयूआई दोनों ने विवि प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।

छात्र संगठनों का आक्रोश
छात्र संगठनों का आक्रोश

अभाविप का आरोप: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने आरोप लगाया कि फैजल खान हॉस्टल प्रभारी बिमलेश चौहान का खास है, जिसने दोषियों को संरक्षण दिया। प्रांत मंत्री यज्ञदत्त वर्मा ने विवि प्रशासन को ज्ञापन देकर बिमलेश चौहान की बर्खास्तगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

एनएसयूआई का विरोध: एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष प्रशांत गोस्वामी ने विवि प्रशासन पर चाकूबाजों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि दोषी छात्रों और हॉस्टल प्रभारी को बर्खास्त करने तक प्रदर्शन जारी रहेगा।

छात्रों की सुरक्षा पर सवाल

यह घटना न केवल विवि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि हॉस्टल में रहने वाले छात्रों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता पैदा करती है। घटना के बाद विवि परिसर में तनाव बना हुआ है, और छात्र संगठनों ने अपनी मांगें पूरी न होने तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है।

क्या विवि प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई करेगा, या यह विवाद लंबे समय तक खिंचता रहेगा? यह देखना बाकी है।

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