छत्तीसगढ़

कोर्ट के आदेश के बावजूद अनवर ढेबर की रिहाई नहीं होगी

रायपुर: मेरठ की स्पेशल कोर्ट ने शराब घोटाला मामले में आरोपी अनवर ढेबर और अन्य को सशर्त रिहाई के आदेश दिए हैं। हालांकि, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और एसीबी (आर्थिक अपराध शाखा) में दर्ज मामलों के चलते इन आरोपियों की रिहाई संभव नहीं हो पाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने नकली होलोग्राम केस में दर्ज एफआईआर पर रोक लगा दी है, लेकिन स्पेशल कोर्ट का फैसला अब भी लागू है।

ईडी के अनुसार, अनवर ढेबर का आबकारी विभाग में महत्वपूर्ण प्रभाव था और वह एक मंत्री की तरह काम कर रहा था। जांच में पाया गया है कि अरुणपति त्रिपाठी ने सरकारी शराब दुकानों, जिन्हें पार्ट-बी कहा जाता है, के माध्यम से बेहिसाब शराब बिक्री की योजना को लागू करने में प्रमुख भूमिका निभाई थी। त्रिपाठी ने 15 जिलों के आबकारी अधिकारियों के साथ मीटिंग कर उन्हें अवैध शराब बेचने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा, उसने विधु गुप्ता के साथ मिलकर डुप्लीकेट होलोग्राम की व्यवस्था भी की थी।

केस की जटिलता और प्रभाव

शराब घोटाला मामले में ईडी और एसीबी की जांच के चलते अनवर ढेबर और अन्य आरोपी कोर्ट के आदेश के बावजूद जेल में ही रहेंगे। यह मामला राज्य की राजनीति और प्रशासनिक ढांचे में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर करता है, जहां सत्ता के प्रभावशाली लोग अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं।

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