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बारामूला में सेना ने दो आतंकवादियों को ढेर किया, इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी

जम्मू-कश्मीर के बारामूला में सेना ने एक मुठभेड़ के दौरान दो आतंकवादियों को मार गिराया। सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है। जानिए पूरी खबर और ताज़ा अपडेट्स।

जम्मू-कश्मीर के बारामूला में सेना ने एक मुठभेड़ के दौरान दो आतंकवादियों को मार गिराया। सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है। जानिए पूरी खबर और ताज़ा अपडेट्स।

बारामूला, जम्मू-कश्मीर – जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के चक टप्पर क्रीरी इलाके में सेना ने एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन के दौरान दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया है। सुरक्षा बलों ने रात भर चलाए गए ऑपरेशन के तहत सुबह के समय आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सफलता प्राप्त की। यह मुठभेड़ तब शुरू हुई जब सुरक्षाबलों पर तलाशी अभियान के दौरान गोलीबारी की गई।

सेना की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान और उनके समूह के बारे में जानकारी एकत्र की जा रही है। इलाके में अभी भी दो से तीन आतंकवादी छिपे हुए हैं, और सुरक्षा बलों का सर्च ऑपरेशन जारी है।

 

आतंकवादियों के हमले और सुरक्षा स्थिति:

जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में सेना, सुरक्षाबलों और नागरिकों पर लगातार आतंकवादी हमले हो रहे हैं। बारामूला में हाल की मुठभेड़ इस कड़ी की एक और घटना है, जहां आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों के अभियान को बाधित किया।

इस बीच, जम्मू डिवीजन के किश्तवाड़ जिले के चटरू गांव में शुक्रवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के दो जवान शहीद हो गए और दो अन्य घायल हो गए। किश्तवाड़ और आसपास के क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियान अभी भी जारी है।

आगामी चुनाव और मतदान:

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को होगा, जिसमें चिनाब घाटी क्षेत्र के डोडा, किश्तवाड़ और रामबन जिलों के आठ विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम जिलों की 16 सीटों पर मतदान 18 सितंबर को होगा, जबकि जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में क्रमशः 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को मतदान होगा।

अंतर-संबंधित मुद्दे:

पिछले दो महीनों में जम्मू डिवीजन के पहाड़ी जिलों जैसे पुंछ, राजौरी, डोडा, कठुआ, रियासी और उधमपुर में आतंकवादी हमले लगातार बढ़ रहे हैं। आतंकवादी अक्सर घात लगाकर हमला करते हैं और फिर पहाड़ी क्षेत्रों के जंगलों में गायब हो जाते हैं। सुरक्षा बल इन चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर काम कर रहे हैं।

 

 

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