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नायब तहसीलदार से मारपीट: CCTV फुटेज में टीआई की हरकतें उजागर, प्रशासनिक संघ का विरोध प्रदर्शन

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में पुलिस द्वारा नायब तहसीलदार और उनके भाई से मारपीट का मामला तूल पकड़ चुका है। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें सरकंडा थाना प्रभारी (टीआई) तोप सिंह नवरंग, तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा को धक्का देते और मारपीट करते साफ नजर आ रहे हैं।

घटना के वायरल ऑडियो-वीडियो ने प्रदेशभर में हड़कंप मचा दिया है। इसे देखते हुए IG संजीव शुक्ला ने तत्काल कार्रवाई करते हुए टीआई को लाइन अटैच कर दिया और एसपी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। वहीं, छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवा संघ ने इस घटना के विरोध में सामूहिक अवकाश लेकर प्रदर्शन करने की घोषणा की है।


संघ का विरोध: कामकाज ठप, रैली का आयोजन

घटना के विरोध में तहसीलदार और राजस्व विभाग के अधिकारी सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। प्रदेशभर में प्रशासनिक कार्य बाधित हो गए हैं। बिलासपुर जिले की 11 तहसीलों में जमीन से जुड़े काम ठप हो गए हैं। दोपहर 12 बजे अधिकारी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और 3:30 बजे रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।

संघ ने पुलिस जांच पर पारदर्शिता की मांग उठाई और जांच प्रक्रिया में राजस्व अधिकारियों को भी शामिल करने की बात कही है।


पुलिस की गश्ती टीम पर गाली-गलौज और FIR का आरोप

घटना 16 नवंबर की रात की है, जब बस्तर में पदस्थ नायब तहसीलदार पुष्पेंद्र मिश्रा अपनी बीमार मां को देखने बिलासपुर पहुंचे थे। रेलवे स्टेशन से घर जाते वक्त, अशोक नगर के पास पुलिस की गश्ती टीम ने उनकी बाइक को रोकने की कोशिश की। कुछ दूरी पर गाड़ी रोकने के बाद, पुलिसकर्मी नाराज हो गए और गाली-गलौज करने लगे। इसके बाद, तहसीलदार और उनके भाई को थाने ले जाया गया।


कलेक्टर के हस्तक्षेप के बावजूद FIR दर्ज

इस विवाद के दौरान, तहसीलदार के भाई ने कलेक्टर अवनीश शरण से फोन पर संपर्क किया। कलेक्टर के हस्तक्षेप के बावजूद, थाना प्रभारी ने मामले को अनसुना किया और उल्टा तहसीलदार और उनके भाई पर केस दर्ज कर दिया।


परिवार में दहशत का माहौल

पुलिस की इस हरकत के बाद तहसीलदार का पूरा परिवार दहशत में है। जब परिवार के सदस्य कलेक्टर से मिलने गए थे, उसी दौरान सरकंडा थाने की टीम उनके घर पहुंच गई, जिससे परिवार और अधिक भयभीत हो गया।


प्रशासनिक कार्रवाई का इंतजार

अब सभी की निगाहें प्रशासन और सरकार पर हैं कि इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर क्या कार्रवाई होती है। छत्तीसगढ़ प्रशासनिक सेवा संघ ने चेतावनी दी है कि यदि न्याय नहीं हुआ तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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