अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला भारत लौटे, इसरो के भविष्य के मिशनों के लिए नई उम्मीद
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला भारत लौटे, इसरो के भविष्य के मिशनों के लिए नई उम्मीद

Delhi News – अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अपनी ऐतिहासिक यात्रा पूरी करने के बाद भारतीय वायुसेना के जाबांज ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला भारत लौट आए हैं। अमेरिका में एक्सिओम-4 मिशन के तहत सफल प्रशिक्षण और अनुभव प्राप्त कर लौटे शुभांशु शुक्ला का स्वदेश आगमन, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।
अपनी वापसी के दौरान, शुभांशु शुक्ला ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएँ साझा कीं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक हवाई जहाज से अपनी तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि अमेरिका छोड़ते हुए उनके मन में मिश्रित भावनाएँ थीं। उन्होंने उन लोगों को पीछे छोड़ने का दुख व्यक्त किया जो उनके दोस्त और परिवार बन गए थे, लेकिन साथ ही अपने दोस्तों, परिवार और देश के लोगों से मिलने की खुशी भी जाहिर की। उनकी इस पोस्ट में प्रसिद्ध गीत ‘यूं ही चला चल रही – जीवन गाड़ी है समय पहिया’ का उल्लेख था, जो उनकी अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत में भी उनकी प्लेलिस्ट में शामिल था।
भारत लौटने के बाद, शुभांशु शुक्ला के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की उम्मीद है, जिसके बाद वे अपने गृहनगर लखनऊ के लिए रवाना होंगे। इसके बाद वे 22-23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में भाग लेने के लिए दिल्ली लौटेंगे।
गौरतलब है कि शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 निजी अंतरिक्ष मिशन में हिस्सा लिया था, जो 25 जून को फ्लोरिडा से रवाना हुआ था और 26 जून को आईएसएस पर पहुंचा। 18 दिनों के इस मिशन के दौरान, उन्होंने तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ मिलकर 60 से अधिक प्रयोग किए और 20 आउटरीच सत्र आयोजित किए। यह मिशन न सिर्फ उनके लिए, बल्कि भारत के लिए भी एक मील का पत्थर साबित हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में अपने संबोधन में शुभांशु शुक्ला की वापसी का जिक्र किया था और भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन विकसित करने की योजना पर प्रकाश डाला था, जो 2035 तक तैयार होने की उम्मीद है। इसरो भी 2027 में अपनी पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान की तैयारी कर रहा है। शुभांशु शुक्ला का यह अनुभव भविष्य में भारत के अपने मानव अंतरिक्ष मिशनों के लिए अमूल्य साबित होगा, जिससे देश की अंतरिक्ष यात्रा को नई दिशा मिलेगी।