बलौदाबाजार में अवैध पेड़ कटाई, सीएमओ और ठेकेदार की मिलीभगत
बलौदाबाजार जिले में नगर पंचायत के सीएमओ ने बिना अनुमति के पेड़ों की अवैध कटाई करवाई। यह घटना पर्यावरण संरक्षण नीतियों पर सवाल खड़े करती है। पढ़ें पूरी खबर।
बलौदाबाजार: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां नगर पंचायत के सीएमओ ने पलारी थाना परिसर में बिना अनुमति के कई हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई करवाई। यह मामला तब उजागर हुआ जब ये पेड़ काटकर बेचे जाने की तैयारी की जा रही थी। सूचना मिलने के बाद इस अवैध गतिविधि को रोका गया और पुलिस से शिकायत दर्ज करवाई गई है।
सीएमओ और ठेकेदार की मिलीभगत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नगर पंचायत के सीएमओ और एक ठेकेदार की मिलीभगत से यह अवैध पेड़ कटाई की घटना हुई। जानकारी के मुताबिक, पेड़ थाना प्रभारी की अनुमति के बिना काटे गए थे, और पुलिस विभाग और वन विभाग को इस घटना की जानकारी नहीं थी। थाना परिसर के कर्मचारियों को सुबह कटे हुए पेड़ों का पता चला, जिसके बाद थाना प्रभारी को सूचित किया गया। इस घटना के बाद वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को इस मामले से अवगत कराया गया।
पर्यावरण संरक्षण को लेकर उठते सवाल
इस अवैध पेड़ कटाई ने प्रशासन की पर्यावरण संरक्षण नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा पर्यावरण संरक्षण के दावे किए जाते हैं, लेकिन यह घटना इस दिशा में उनकी नाकामी को उजागर करती है। राजस्व क्षेत्र में पेड़ काटने के लिए तहसील से अनुमति लेना अनिवार्य है, लेकिन इस मामले में किसी ने भी अनुमति नहीं ली थी। इससे पर्यावरण और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने का खतरा है।
वृद्धि होती पर्यावरणीय चिंताएँ
यह घटना न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि यह स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को भी प्रभावित करती है। ऐसे अवैध कृत्य यदि बढ़ते गए, तो आने वाले समय में यह हमारे वनस्पति, वन्यजीवों, और पूरे पर्यावरण के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकता है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस और वन विभाग ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई की है। साथ ही, मामले में सीएमओ और ठेकेदार के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार और प्रशासन से भी इस दिशा में कड़ी नीति बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।