बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भारत-बांग्लादेश सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। कट्टरपंथी संगठन ‘इंकलाब मंच’ के एक प्रमुख प्रवक्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के बाद, संगठन के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों ने भारतीय सीमा की ओर मार्च शुरू कर दिया है। इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच सीमा सुरक्षा और कूटनीतिक संबंधों को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘इंकलाब मंच’ (Inqilab Manch) के एक प्रवक्ता की मौत के बाद संगठन के भीतर और उनके समर्थकों में काफी रोष है। इस घटना के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने बड़े समूहों में लामबंद होकर सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर रुख किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि इस घटना के पीछे बाहरी हस्तक्षेप हो सकता है, हालांकि प्रशासन ने अभी तक मौत के सटीक कारणों पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
सीमा पर सुरक्षा बल अलर्ट
प्रदर्शनकारियों के मार्च को देखते हुए भारत की सीमा सुरक्षा बल (BSF) और बांग्लादेश के सीमा रक्षकों (BGB) ने अपनी निगरानी बढ़ा दी है। भारतीय सीमा के पास संवेदनशील चौकियों पर अतिरिक्त बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी तरह की घुसपैठ या अशांति को रोका जा सके। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, सीमा के पास के गाँवों में भी सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं।
कूटनीतिक और सुरक्षा चुनौतियां
विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश में बढ़ती कट्टरपंथी सक्रियता और इस तरह के मार्च भारत के लिए एक गंभीर सुरक्षा चुनौती पेश कर सकते हैं। यह मार्च न केवल सीमा की अखंडता के लिए खतरा है, बल्कि यह क्षेत्र में सांप्रदायिक सौहार्द को भी प्रभावित कर सकता है। फिलहाल, दोनों देशों के आला अधिकारी स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं ताकि तनाव को और बढ़ने से रोका जा सके।