बांग्लादेश ने भारत के उच्चायुक्त समेत 5 डिप्लोमैट्स को वापस बुलाया, इंडिया के साथ संबंधों पर होगा असर
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इस हफ्ते एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए भारत के लिए उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान समेत पांच प्रमुख राजनयिकों को वापस बुला लिया है। इस कदम से बांग्लादेश की विदेश सेवा में असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो गई है, क्योंकि यह निर्णय राजनीतिक नियुक्तियों से संबंधित नहीं था।
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के प्रशासनिक विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि मुस्तफिजुर रहमान के साथ ही न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि और ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और पुर्तगाल के राजदूतों को भी वापस बुलाया गया है। विशेष रूप से, इन राजनयिकों में से कई, जिनमें रहमान भी शामिल हैं, कुछ महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले थे।
यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब भारत और बांग्लादेश के संबंध अपने निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। अगस्त में शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद से इन संबंधों में खटास आई है। छात्र संगठनों के विरोध प्रदर्शन ने हसीना को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया था, जिसके बाद उन्होंने बांग्लादेश छोड़कर भारत का रुख किया।
इस घटनाक्रम के संदर्भ में, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पिछले महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के बीच बैठक आयोजित करने का प्रयास किया था। लेकिन, भारत पर यूनुस की टिप्पणियों और हसीना के प्रत्यर्पण की संभावनाओं ने इस बैठक को असफल बना दिया।
मुस्तफिजुर रहमान, जो जुलाई 2022 में भारत के लिए बांग्लादेश के उच्चायुक्त नियुक्त किए गए थे, ने दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भारत-बांग्लादेश के विकास और सहयोग को बढ़ाने के लिए कई पहल की।
हालांकि, हालिया घटनाओं का प्रभाव भारत-बांग्लादेश संबंधों पर पड़ सकता है। भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने ढाका में बांग्लादेश के वास्तविक विदेश मंत्री तौहीद हुसैन से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। दोनों देशों के बीच व्यापार, विशेष रूप से प्याज और कपास जैसे उत्पादों का निर्यात, इस संबंध में महत्वपूर्ण है।