बस्तर पुलिस ने पकड़े 3 अंतरराज्यीय साइबर ठग: APK फाइल से मोबाइल हैक कर युवाओं के खातों से निकालते थे लोन
बस्तर पुलिस ने पकड़े 3 अंतरराज्यीय साइबर ठग: APK फाइल से मोबाइल हैक कर युवाओं के खातों से निकालते थे लोन

जगदलपुर: बस्तर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन अंतरराज्यीय साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। इन शातिर अपराधियों ने लोगों के मोबाइल फोन को एपीके (APK) फाइलों के जरिए हैक करके उनके बैंक खातों से प्री-अप्रूव्ड लोन निकालने का सनसनीखेज तरीका अपनाया था। इन ठगों ने इतनी चालाकी से धोखाधड़ी को अंजाम दिया कि पीड़ितों को कई महीनों बाद तक इसकी भनक नहीं लगी।
यह मामला तब सामने आया जब जगदलपुर निवासी अमलेश कुमार को जनवरी 2025 में यह पता चला कि उनके बैंक खाते से धोखे से लोन लिया गया है। इसके बाद उन्होंने तत्काल बोधघाट थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस द्वारा की गई गहन जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। आरोपियों ने एक खास एपीके फाइल का इस्तेमाल कर पीड़ित अमलेश कुमार के मोबाइल फोन को हैक कर लिया था। मोबाइल तक पहुंच बनाने के बाद, उन्होंने बेहद शातिराना तरीके से उनके बैंक खाते से प्री-अप्रूव्ड लोन की राशि को विभिन्न ‘म्यूल खातों’ (यानी, धोखाधड़ी के पैसे प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किए गए अन्य व्यक्तियों के बैंक खाते) में ट्रांसफर कर दिया।
इस मामले में, बस्तर पुलिस ने झारखंड के जामताड़ा से मुख्य आरोपी अब्दुल मजीद को गिरफ्तार किया है, जो साइबर अपराधों का गढ़ माना जाता है। इसके अलावा, मुंबई से सत्यम और संतोष नामक दो अन्य सहयोगियों को भी पकड़ा गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्य आरोपी अब्दुल मजीद के खिलाफ पूरे देश में 1 करोड़ 15 लाख रुपये की ठगी के कुल 46 मामले पहले से ही दर्ज हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि ये तीनों आरोपी मिलकर 150 से अधिक म्यूल खातों का संचालन कर रहे थे, जिनका उपयोग वे धोखाधड़ी की रकम को ट्रांसफर करने के लिए करते थे। गिरफ्तार किए गए सत्यम और संतोष मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के निवासी हैं।
इस गिरफ्तारी से साइबर धोखाधड़ी के एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है, और पुलिस आगे की जांच कर रही है ताकि इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों का भी पता लगाया जा सके।