जगदलपुर: सड़कों में भ्रष्टाचार का मामला, जर्जर सड़कें और ग्रामीणों की परेशानी
जगदलपुर। बस्तर संभाग में सड़कों की खराब हालत और निर्माण में भ्रष्टाचार का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद सड़कों में अनियमितता और गुणवत्ता की पोल खुली है। हालांकि हत्या का आरोपी पकड़ा गया है, लेकिन सड़कों की स्थिति पर सवाल बरकरार हैं।
जर्जर सड़कों का हाल
बस्तर संभाग के सात जिलों में नक्सल प्रभावित गांवों की करीब दर्जनभर सड़कों की हालत बेहद खराब है। ये सड़कें बारिश के पहले ही उखड़ गईं, जिससे ग्रामीणों का जिला और ब्लॉक मुख्यालय तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।
प्रमुख जर्जर सड़कों की सूची:
- सुकमा जिला:
- बंडा से कन्हाईगुड़ा मार्ग
- मुरलीगुड़ा से इतकल मार्ग
- फायदागुड़ा से गोलापल्ली मार्ग
- बीजापुर जिला:
- नेलसनार-कोडोली मार्ग (22/6 किमी)
- कुटरू मार्ग (17/2 किमी)
- नारायणपुर जिला:
- रेमावंड से मालिगनार मार्ग
- कोंडागांव जिला:
- ग्राम पंचायत संबलपुर की सड़क
- बस्तर जिला:
- बास्तानार क्षेत्र के पखनार गांव की सड़क
भ्रष्टाचार की पुष्टि और जांच
पीडब्ल्यूडी ने बताया कि नेलसनार-कोडोली-गंगालुर मार्ग को 188.78 करोड़ रुपये की लागत से 30 हिस्सों में विभाजित कर बनाया गया। इसमें से 17 हिस्से सुरेश चंद्राकर को आवंटित किए गए, जिसकी लागत 141.39 करोड़ रुपये थी। लेकिन निर्माण में लापरवाही और घटिया सामग्री के चलते सड़कें जल्द ही जर्जर हो गईं।
ग्रामीणों की मांग और विभागीय बयान
ग्रामीणों की मांग:
ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से जर्जर सड़कों की मरम्मत की मांग की है। उनका कहना है कि बारिश के दौरान आवाजाही बंद हो जाती है, जिससे जीवन कठिन हो जाता है।
विभागीय प्रतिक्रिया:
- लोक निर्माण विभाग:
मुख्य अभियंता जीआर रावटे ने बताया कि सभी जिलों की सड़कों की जांच की जा रही है। दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। - प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना:
अधीक्षण अभियंता अमित गुलहरे ने कहा कि बारिश और बाढ़ से 2-3 सड़कें जर्जर हुई हैं, जिनकी मरम्मत का कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।
जांच समिति का गठन
गंगालूर से नेलसनार सड़क की जांच के लिए एक टीम बनाई गई है, जिसमें सीई, कांकेर के अधीक्षण अभियंता संजय सूर्यवंशी, कोंडागांव के कार्यपालन अभियंता एआर मरकाम, एसडीओ आरएन उसेण्डी और उप अभियंता जितेन्द्र साहू शामिल हैं।