जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के छोटे से गांव टाकरागुड़ा (लोहंडीगुड़ा ब्लॉक) की रहने वाली नैना सिंह धाकड़ ने माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) और माउंट लोहत्से (8516 मीटर) की चढ़ाई कर प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। महज 10 दिनों से भी कम समय में दोनों चोटियों को फतह करने वाली वह देश की पहली महिला पर्वतारोही बन गई हैं। कठिनतम परिस्थितियों में माइनस 40 से 50 डिग्री सेल्सियस तापमान और ऑक्सीजन की कमी के बावजूद उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की।
श्रीराम का झंडा फहराने वाली पहली सनातनी महिला बनीं नैना
नैना सिंह धाकड़ ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचकर तिरंगे के साथ श्रीराम का ध्वज फहराया और “जय श्रीराम” के जयकारे लगाए। इसके साथ ही उन्होंने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और “सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा” गीत गाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया।
तेनजिंग नोर्गे अवॉर्ड से सम्मानित
नैना की इस साहसिक उपलब्धि को वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। उनके अद्वितीय साहस और रोमांच के लिए उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा तेनजिंग नोर्गे अवॉर्ड 2022 से सम्मानित किया गया।
पुलिस प्रशासन और स्वच्छता अभियान की ब्रांड एंबेसडर
नैना सिंह धाकड़ पुलिस प्रशासन, पतंजलि योग समिति और “स्वच्छ जगदलपुर” अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी हैं।
स्वामी विवेकानंद से मिली प्रेरणा
नैना ने अपनी सफलता का श्रेय स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं को दिया और कहा कि उन्होंने सामाजिक बाधाओं को तोड़कर अपने सपनों को पूरा किया। वह एनएसएस मंच की सहायता से इस अभियान में सफल रहीं।
बेटियों के लिए दिया प्रेरणादायक संदेश
नैना का मानना है कि “बेटी किसी से कम नहीं है, बेटियों से ही देश को दम मिलेगा।” उनका यह संदेश लाखों युवाओं को प्रेरित करता है। उन्होंने 1 जून 2021 को माउंट एवरेस्ट और माउंट लोहत्से पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर इस गौरवशाली उपलब्धि को हासिल किया।