रायपुर – नवंबर में धान की खरीदी से पहले, किसानों की फसलों का भौतिक सत्यापन तेजी से किया जा रहा है। इस सत्यापन के तहत, पटवारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे अपनी फसल के साथ लाइव फोटो खींचकर पीवी एप में अपलोड करें। यह प्रक्रिया धान की गुणवत्ता और गिरदावरी सत्यापन के लिए महत्वपूर्ण है।
भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया पटवारी को चयनित खसरों पर जाकर अपनी फोटो के साथ दो फोटो खींचनी होती हैं, जिन्हें एप में अपलोड करना होता है। यह कदम धान री-साइक्लिंग रोकने और गिरदावरी के दौरान हुई किसी गड़बड़ी का पता लगाने में मदद करता है। सत्यापन का काम 31 अक्टूबर तक पूरा किया जाएगा।
सावधानी और प्रक्रिया में सुधार:
सत्यापन के दौरान किसी भी लापरवाही से बचने के लिए, पटवारियों को उनके गांव के बजाय दूसरे गांवों में भेजा जा रहा है। इस से फसल सत्यापन की प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी होती है।
आकड़े और विभागीय निर्देश:
इस खरीफ सत्र में, रायपुर जिले में करीब 11 लाख खसरों पर धान बोया गया है। इनमें से 5 प्रतिशत खसरों, यानी 50 हजार खसरों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है। खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र कुमार मिश्रा के अनुसार, यह सत्यापन कार्य विभागीय दिशा-निर्देशों के तहत किया जा रहा है, ताकि धान खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा सके।