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पीएम मोदी की मालदीव यात्रा से पहले मुइज्जू के साले ने कहा ‘आतंकवादी’, खड़ा हुआ विवाद

पीएम मोदी की मालदीव यात्रा से पहले मुइज्जू के साले ने कहा 'आतंकवादी', खड़ा हुआ विवाद

मालदीव/दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा से ठीक पहले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साले अब्दुल्लाह बिन मोहम्मद इब्राहिम ने भारतीय प्रधानमंत्री को “आतंकवादी” और “इस्लाम का सबसे बड़ा दुश्मन” करार दिया है। यह विवादित टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पीएम मोदी 25 जुलाई को मालदीव के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचने वाले हैं, जहां वे मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।

सलफी जमीयत के नेता अब्दुल्लाह बिन मोहम्मद इब्राहिम ने प्रधानमंत्री मोदी पर अयोध्या में बाबरी मस्जिद को तोड़ने, पुरानी मुस्लिम जमीनों को “लूटने” और अहमदाबाद को “कब्रिस्तान में बदलने” का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि मोदी को मालदीव बुलाना एक “बड़ी गलती” है। अब्दुल्लाह मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की पत्नी साजिदा मोहम्मद द्वारा स्थापित एक संगठन से जुड़े हुए हैं।

इस बयान ने मालदीव और भारत के बीच राजनयिक तनाव को बढ़ा दिया है। हालांकि, विवाद बढ़ने और तीव्र विरोध के बाद अब्दुल्लाह ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट को हटा दिया है। मालदीव सरकार ने इस विवादित बयान पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।

प्रधानमंत्री मोदी की यह मालदीव की तीसरी यात्रा होगी। इससे पहले वे नवंबर 2018 में राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे और जून 2019 में राजकीय यात्रा पर गए थे, जहां उन्होंने मालदीव की संसद को संबोधित किया था और कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया था।

इस आगामी यात्रा के दौरान, पीएम मोदी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और व्यापार, समुद्री सुरक्षा तथा जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहयोग को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। अक्टूबर 2024 में राष्ट्रपति मुइज्जू के साथ हुई बातचीत के बाद दोनों देशों ने एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर काम शुरू किया है। भारत पहले ही मालदीव को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण दे चुका है और 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर तथा 30 बिलियन एमवीआर की मुद्रा अदला-बदली की व्यवस्था भी कर चुका है।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पीएम मोदी की मालदीव यात्रा 25 और 26 जुलाई को होगी और वे राष्ट्रपति मुइज्जू के निमंत्रण पर जा रहे हैं। राष्ट्रपति मुइज्जू द्वारा पदभार ग्रहण करने के बाद यह किसी शासनाध्यक्ष की पहली राजकीय यात्रा होगी। इस दौरान कुछ बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया जाएगा और नई पहलों की घोषणा की जाएगी। विदेश सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि मालदीव भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और महासागर विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो सुरक्षा और विकास के लिए क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है।

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