भारतमाला घोटाला: भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं पर नए दावे और आपत्तियाँ-
भारतमाला घोटाला: भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं पर नए दावे और आपत्तियाँ-

रायपुर, छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ में महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें मुख्य रूप से रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक गलियारे (Raipur-Visakhapatnam Economic Corridor) के लिए भूमि अधिग्रहण और मुआवजे के भुगतान में अनियमितताएं शामिल हैं। मुआवजे की राशि में हुए घोटाले के खुलासे के बाद, अब दुर्ग और राजनांदगांव जिलों में अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के भुगतान में अतिरिक्त अनियमितताओं को लेकर नए दावे और आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं।
अधिग्रहित भूमि और मुआवजे की जानकारी वाली सूचियाँ दुर्ग और राजनांदगांव की आधिकारिक कलेक्टर वेबसाइटों पर सार्वजनिक कर दी गई हैं, जिससे प्रभावित पक्ष समीक्षा कर अपनी चिंताएं उठा सकें।
किसानों ने कथित तौर पर भूमि अधिग्रहण और मुआवजे के निर्धारण प्रक्रिया के दौरान स्थापित नियमों और विनियमों की व्यापक अनदेखी का आरोप लगाया है। ये आरोप विशेष रूप से दुर्ग-रायपुर छह-चार लेन बाईपास सड़क के निर्माण से संबंधित हैं, जो भारतमाला परियोजना का एक महत्वपूर्ण घटक है।
बढ़ती चिंताओं के जवाब में, सरकार ने राज्य भर के सभी संभागीय आयुक्तों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इन रिपोर्टों को पारदर्शिता के लिए आधिकारिक सरकारी वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा, घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को सौंप दी गई है ताकि गहन जांच की जा सके।
राष्ट्रीय राजमार्ग भारतमाला परियोजना का प्रस्तावित सड़क नेटवर्क छत्तीसगढ़ के कई जिलों से होकर गुजरेगा, जिनमें रायपुर, धमतरी, कांकेर, कोंडागांव, कोरबा, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर और जांजगीर-चंपा शामिल हैं।