रायपुर – छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने आज राज्य सरकार पर नगरीय निकाय चुनाव और धान खरीदी को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर समय पर नगरीय निकाय चुनाव नहीं कराना चाहती है, जबकि संविधान के अनुसार यह चुनाव 5 साल के भीतर कराना जरूरी है। बघेल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने संविधान के विपरीत अधिसूचना जारी कर चुनाव को 6 महीने के लिए टाल दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इन चुनावों को टालने का प्रयास कर रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने धान खरीदी को लेकर भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “राज्य सरकार ने सभी कलेक्टरों को आदेश दिया है कि वे अनावरी (धान की अधिशेष उपज) को कम बताएं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि धान खरीदी में किसानों को नुकसान हो रहा है, खासकर छोटे किसानों को। बायोमेट्रिक व्यवस्था और टोकन वितरण में देरी के कारण किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही, बारदाने की कमी और 72 घंटे में भुगतान न होने की समस्याएं भी सामने आ रही हैं।
“धान संग्रहण केंद्रों में धान जाम हो रहा है और यह साफ है कि सरकार किसानों से धान नहीं खरीदना चाहती है। अगर सरकार धान खरीदना चाहती है तो अनावरी रिपोर्ट की अनिवार्यता क्यों है?” बघेल ने सवाल उठाया।
बघेल के बयान ने राज्य सरकार की नीतियों पर नई बहस छेड़ दी है, और अब यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।