
SUKMA NEWS – छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता बोनस घोटाले को लेकर एक के बाद एक खुलासे सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की संयुक्त टीम ने दोरनापाल में वन विभाग के एक कर्मचारी के आवास पर छापा मारा। सुबह-सुबह शुरू हुई इस कार्रवाई में टीम ने कई घंटे तक जांच की और महत्वपूर्ण दस्तावेजों की छानबीन की।
बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई तेंदूपत्ता बोनस वितरण में हुए आर्थिक अनियमितताओं को लेकर की गई है। इससे पहले भी सुकमा, कोंटा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और जगदलपुर सहित कई जिलों में वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के ठिकानों पर छापेमारी हो चुकी है। इन कार्रवाइयों के दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज, लेन-देन से संबंधित फाइलें और डिजिटल सबूत बरामद किए गए हैं।
तेंदूपत्ता बोनस योजना आदिवासी और ग्रामीण श्रमिकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, लेकिन इस योजना में बड़े पैमाने पर घोटाले और गड़बड़ियों के आरोप सामने आए हैं। बोनस वितरण में मिली शिकायतों और वित्तीय गड़बड़ियों की जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि कई जगहों पर अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपनी जिम्मेदारियों का दुरुपयोग करते हुए घोटाले को अंजाम दिया है।
सरकार ने पहले ही सुकमा के तत्कालीन डीएफओ को निलंबित कर दिया है और अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। दोरनापाल की यह ताजा कार्रवाई उसी दिशा में एक और अहम कदम मानी जा रही है।
ACB और EOW की यह संयुक्त जांच न केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि जनता की योजनाओं से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं और कई और अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।