छत्तीसगढ़

दुर्ग पुलिस की बड़ी कार्रवाई: ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर ठगी करने वाले 4 जालसाज लखनऊ से गिरफ्तार –

दुर्ग पुलिस की बड़ी कार्रवाई: 'डिजिटल अरेस्ट' कर ठगी करने वाले 4 जालसाज लखनऊ से गिरफ्तार -

दुर्ग/लखनऊ: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की पुलिस ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के जरिए एक महिला से लाखों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। नेवई थाना पुलिस ने इस मामले में लखनऊ में दबिश देकर चार जालसाजों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।


कैसे हुई ठगी? ‘डिजिटल अरेस्ट’ का झांसा देकर लूटे 54.90 लाख रुपये

मामला दुर्ग के नेवई थाना क्षेत्र की नम्रता चंद्राकर नामक महिला से जुड़ा है। नम्रता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ साइबर ठगों ने उनके पिता को निशाना बनाया। ठगों ने वीडियो कॉल के जरिए खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप लगाकर धमकाना शुरू कर दिया।

आरोपियों ने नम्रता के पिता को यह कहकर डराया कि वे 2 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार हो सकते हैं। इस डर और दबाव में आकर, नम्रता के पिता ने 29 अप्रैल से 29 मई के बीच कई बैंक खातों में कुल 54.90 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। यह ‘डिजिटल अरेस्ट’ का एक क्लासिक मामला था, जहाँ पीड़ितों को ऑनलाइन धमकाकर पैसे ऐंठे जाते हैं।


पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी

शिकायत दर्ज होने के बाद, नेवई थाना प्रभारी आनंद शुक्ला के नेतृत्व में एक टीम ने मामले की जांच शुरू की। तकनीकी साक्ष्यों और खुफिया जानकारी के आधार पर, पुलिस को इस गिरोह के लखनऊ में सक्रिय होने का पता चला।

शुक्रवार देर रात दुर्ग पुलिस की टीम ने लखनऊ में दबिश दी और इस ठगी गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन और आधार कार्ड जब्त कर लिए हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पूछताछ में अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उन्होंने बताया कि किस तरह से राजेश नामक एक आरोपी ने सेल्फ चेक के जरिए पैसे निकाले और आपस में बांट दिए, जबकि 8.64 लाख रुपये अपने पास रख लिए। शेष रकम से कमीशन निकालकर अन्य साथियों को दिया गया।


गिरोह का सरगना अभी भी फरार

हालांकि पुलिस ने चार जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें जेल भेज दिया गया है, लेकिन इस गिरोह का सरगना (मास्टर माइंड) अभी भी फरार है। सीएसपी भिलाईनगर सत्य प्रकाश तिवारी ने रविवार देर शाम एक प्रेस वार्ता में इस कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस गिरोह के मुख्य आरोपी और अन्य फरार सदस्यों की तलाश में लगातार दबिश दे रही है।


साइबर ठगी के खिलाफ बड़ी जीत

यह कार्रवाई ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे परिष्कृत साइबर अपराधों से लड़ने में दुर्ग पुलिस की क्षमता को दर्शाती है। हाल के दिनों में ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं जहाँ ठग खुद को सरकारी अधिकारी या जांच एजेंसी का सदस्य बताकर लोगों को धमकाते हैं और उनसे पैसे ऐंठते हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे किसी भी फोन कॉल या वीडियो कॉल के झांसे में न आएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर दें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button