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छत्तीसगढ़: भालू की मौत मामले में बड़ी कार्रवाई, दो वनकर्मी निलंबित

बालोद जिले में भालू की संदिग्ध मौत के मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्य वन संरक्षक (CCF) ने सख्त कार्रवाई की है। सहायक वनपरिक्षेत्र अधिकारी भूषण लाल ढीमर और वन रक्षक विशेखा नाग व दरेन पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इन पर बिना पंचनामा और पोस्टमार्टम के भालू को दफनाने और मामले को छुपाने का आरोप है।

रेंजर को मिला कारण बताओ नोटिस

वन विभाग ने इस गंभीर लापरवाही पर रेंजर को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विभागीय कार्रवाई के चलते पूरे वन महकमे में हड़कंप मच गया है।

कैसे सामने आया मामला?

कुछ दिन पहले तांदुला डुबान क्षेत्र के किल्लेबाहरा में एक भालू की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। वन विभाग के कर्मचारियों ने बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के भालू को दफना दिया। जब यह मामला मीडिया में सुर्खियों में आया, तो वन विभाग ने मामले को संज्ञान में लिया।

जांच के लिए बनाई गई टीम

मामले की गंभीरता को देखते हुए वन एसडीओ के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया। जांच दल ने एक महीने बाद भालू के शव को कब्र से बाहर निकाला। प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। भालू के पंजे अलग-अलग हो चुके थे, जिससे तस्करी की आशंका भी जताई जा रही है।

आगे की कार्रवाई

वन विभाग इस मामले में गहन जांच कर रहा है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की संभावना है। इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण और वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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