बिहार सरकार की बड़ी पहल: अगले 5 साल में ऊर्जा उत्पादक राज्य बनने की तैयारी, तैयार किया मास्टर प्लान
बिहार सरकार की बड़ी पहल: अगले 5 साल में ऊर्जा उत्पादक राज्य बनने की तैयारी, तैयार किया मास्टर प्लान

पटना: बिहार सरकार ने अगले पांच सालों में राज्य को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और उसे एक ऊर्जा उत्पादक राज्य में बदलने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में तैयार किए गए इस मास्टर प्लान का लक्ष्य 2029-30 तक 23,968 मेगावाट अक्षय ऊर्जा (Renewable Energy) का उत्पादन करना है। इसके साथ ही, 6,100 मेगावाट घंटे बिजली को भविष्य के लिए सुरक्षित रखने की भी योजना है।
इस नई योजना के तहत, बिजली का उत्पादन पारंपरिक स्रोतों जैसे कोयले या डीजल पर निर्भर रहने के बजाय स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और बायोमास से किया जाएगा। सरकार ने इन स्रोतों से बिजली उत्पादन का लक्ष्य इस प्रकार निर्धारित किया है:
- जमीन पर लगे सोलर प्लांट: 18,448 मेगावाट
- छतों पर सोलर पैनल: 500 मेगावाट
- बायोमास, कचरा, वायु ऊर्जा और छोटे जल विद्युत परियोजनाएं: 1,565 मेगावाट
इस योजना को सफल बनाने के लिए, बिहार सरकार ने एलएंडटी, एनटीपीसी, अवाडा ग्रुप और एसईसीआई जैसी चार बड़ी कंपनियों के साथ 5,337 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं।
ऊर्जा मंत्री विजयेंद्र यादव के अनुसार, यह नई नीति बिहार को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी और पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बनेगी। इस पहल से न केवल सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा मिलेगी, बल्कि हजारों लोगों को रोजगार के अवसर और राज्य में निवेश भी आकर्षित होगा। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की दरें कम करने, किसानों को सौर ऊर्जा से सस्ती बिजली उपलब्ध कराने और लघु उद्योगों व स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर रही है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए, सरकार ने औद्योगिक भूमि पर स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क माफ कर दिया है और सिंगल विंडो क्लीयरेंस जैसी सुविधाएं भी प्रदान कर रही है। इस योजना से आम लोगों को भी लाभ होगा, जैसे घरेलू बिजली बिल में कमी और गांवों में बिजली की बेहतर उपलब्धता।