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ताजिकिस्तान में कट्टरवाद के खिलाफ बड़ा कदम: हिजाब और दाढ़ी पर बैन, धार्मिक गतिविधियों पर प्रतिबंध

ताजिकिस्तान ने महिलाओं के हिजाब पहनने और पुरुषों के दाढ़ी बढ़ाने पर बैन लगा दिया है। नए नियमों के तहत उल्लंघन पर जुर्माना और दाढ़ी कटवाने की सजा दी जाएगी।

घटना का विवरण:

ताजिकिस्तान की सरकार ने कट्टरवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए महिलाओं के हिजाब पहनने और पुरुषों के दाढ़ी बढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अतिरिक्त, बच्चों को सार्वजनिक धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने पर भी रोक लगाई गई है। अगर कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा और दाढ़ी रखने वाले पुरुषों को पुलिस द्वारा दाढ़ी कटवाने का सामना करना पड़ेगा।

सरकारी तर्क और प्रतिबंध:

राष्ट्रपति इमोमाली रहमान के अनुसार, इन प्रतिबंधों का उद्देश्य देश के विकास में बाधक बन रहे धार्मिक पहचान को खत्म करना है। सरकार का दावा है कि ये कदम ताजिकिस्तान की सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करने और अंधविश्वास तथा उग्रवाद से लड़ने में सहायक होंगे। राष्ट्रपति रहमान पश्चिमी जीवनशैली को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहे हैं।

नियम और जुर्माना:

1 .हिजाब और दाढ़ी पर प्रतिबंध: महिलाओं को हिजाब पहनने की अनुमति नहीं होगी और पुरुषों की दाढ़ी जबरन काट दी जाएगी।
2. जुर्माना :
– आम लोगों को 64,772 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
– कंपनियों पर 2.93 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
– सरकारी अधिकारियों पर 4 लाख से 4,28,325 रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

विदेशी धार्मिक शिक्षा और मस्जिदों पर नियम:

– विदेशी धार्मिक शिक्षा लेने वाले बच्चों के माता-पिता को सजा दी जाएगी।
– 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे बिना अनुमति के मस्जिदों में नहीं जा सकेंगे और ईद-उल-फितर तथा ईद-उल-अजहा पर बच्चों के           उत्सवों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

अन्य प्रतिबंध:

– काले कपड़े बेचने पर भी रोक लगाई गई है।
– 35 वर्ष से कम उम्र के लोगों के हज यात्रा पर भी प्रतिबंध है।
– मस्जिदों को चाय की दुकानों और चिकित्सा केंद्रों में परिवर्तित किया गया है।

कट्टरपंथ की चुनौती:

ताजिकिस्तान की सरकार कट्टरपंथ को एक बड़ी चुनौती मानती है और इस कदम के जरिए कट्टरवाद से निपटने की कोशिश कर रही है। पिछले वर्षों में ताजिक नागरिकों ने आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के सुबूत भी मिले हैं, जिनमें से कुछ घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचा है।

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