
SUKMA NEWS – छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षा बलों और प्रशासन को नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी सफलता मिली है। कुल 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया, जिनमें एक नक्सली दंपति भी शामिल है। यह आत्मसमर्पण नक्सलियों द्वारा स्वीकार की गई सरकार की पुनर्वास नीति का परिणाम है, जो उन्हें मुख्यधारा में वापस लौटने का एक अवसर प्रदान करती है। आत्मसमर्पण करने वाले इन नक्सलियों पर कुल ₹40 लाख 50 हजार का इनाम घोषित था।
इन नक्सलियों में से कई पर भारी इनाम था। दो नक्सलियों पर ₹8-8 लाख, दो पर ₹5-5 लाख, और सात नक्सलियों पर ₹2-2 लाख का इनाम था। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी शामिल थीं, जो लंबे समय से नक्सल संगठन में सक्रिय थीं। इन नक्सलियों ने सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक और सीआरपीएफ के डीआईजी के सामने आत्मसमर्पण किया, जो सरकार और सुरक्षा बलों की नक्सलियों के खिलाफ संघर्ष में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
आत्मसमर्पण करने वालों में एक दंपति भी था, जो पहले नक्सली संगठन में कार्यरत थे और अब उन्होंने अपने खिलाफ चल रहे अपराधों को स्वीकार किया और मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। इसके अलावा, इनमें से कई नक्सली माओवादी संगठन के लिए कार्य करते हुए सुरक्षा बलों से मुठभेड़ के दौरान अपनी जान जोखिम में डाल चुके थे। आत्मसमर्पण करने के बाद, इन नक्सलियों को राज्य सरकार की पुनर्वास योजना का लाभ मिलेगा, जिसमें उन्हें रोजगार, आवास और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
सुरक्षा बलों का कहना है कि यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ सरकार की लोक-समर्थक नीति और राज्य में बढ़ती सुरक्षा उपस्थिति का परिणाम है। इन आत्मसमर्पणों से यह भी संकेत मिलता है कि नक्सली अब सरकार की पुनर्वास योजनाओं को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण अपना रहे हैं। इससे पहले बीजापुर जिले में भी कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिनमें कुछ बड़े इनामी नक्सली भी शामिल थे। उनके पास से बम बनाने के सामान और नक्सलियों के अन्य सामान भी बरामद किए गए थे।
पुलिस और सुरक्षा बलों का मानना है कि इस आत्मसमर्पण के बाद नक्सलियों का मनोबल टूटेगा, और आने वाले समय में और भी नक्सली इस प्रक्रिया में शामिल होंगे। यह आत्मसमर्पण नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राज्य में शांति और विकास की दिशा में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।