बीजापुर: हाउसिंग बोर्ड में 20 करोड़ का भुगतान, अधूरे काम और अनियमितताओं की खुली पोल
बीजापुर हाउसिंग बोर्ड के निर्माण कार्य में भारी अनियमितता का खुलासा। ठेकेदार को बिना काम पूरा किए ₹20.65 करोड़ का भुगतान। 5 माह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं।
महेंद्र विश्वकर्मा, जगदलपुर।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में हाउसिंग बोर्ड के निर्माण कार्यों में ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर अनियमितता का मामला सामने आया है। एक ठेकेदार को बिना कार्य पूर्ण किए ही ₹20.65 करोड़ का भुगतान कर दिया गया। इसके अलावा, कार्य अवधि बढ़ाने की अनुमति के बिना निर्माण कार्य जारी रखा गया।
मुख्य बिंदु
- ठेका एनके कंस्ट्रक्शन को 2017 में दिया गया।
- अनुबंध के अनुसार निर्माण कार्य 2019 तक पूरा होना था, लेकिन अब भी अधूरा है।
- बिना कार्य पूर्ण किए ₹20.65 करोड़ का भुगतान कर दिया गया।
- 5 माह पहले जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
गड़बड़ियों का खुलासा: जांच रिपोर्ट में क्या कहा गया?
जांच रिपोर्ट के अनुसार, बीजापुर, भैरमगढ़, भोपालपट्टनम और ऊसूर (आवापल्ली) के निर्माण कार्य 2 अगस्त 2024 तक पूरे नहीं हुए। जिन कार्यों का संपादन नहीं हुआ, उनके लिए भी माप दर्ज कर भुगतान कर दिया गया।
बोर्ड के अधिकारियों ने क्या कहा?
जगदलपुर प्रक्षेत्र के अपर आयुक्त एसके भगत ने बताया कि मुख्यालय से भेजी गई जांच टीम ने निरीक्षण के बाद रिपोर्ट सौंप दी है। लेकिन 5 महीने बाद भी कार्रवाई लंबित है।
अनियमितताओं की जांच में शामिल अधिकारी
हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त के निर्देश पर नवा रायपुर और जगदलपुर के वरिष्ठ अधिकारियों ने निरीक्षण किया, जिनमें शामिल थे:
- एसके भगत (अपर आयुक्त, जगदलपुर)
- बीबी सिंह (उपायुक्त, नवा रायपुर)
- दिलीप राठी (कार्यपालन अभियंता)
- सूरज पटेल (उप अभियंता)
ठेकेदार पर आरोप
दुर्ग स्थित एनके कंस्ट्रक्शन को 4 सितंबर 2017 को ठेका दिया गया। अनुबंध के मुताबिक, ₹20.85 करोड़ के निर्माण कार्य का भुगतान होना था। लेकिन प्रथम से 17वें बिल के रूप में ₹20.65 करोड़ का भुगतान कर दिया गया।
जांच के दौरान क्या मिला?
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कई निर्माण कार्य बंद पड़े हैं:
- 6 एफ-टाइप, 18 जी-टाइप और 20 एच-टाइप भवनों का निर्माण पूरा हुआ है।
- भवनों का हस्तांतरण 16 अक्टूबर 2023 को लोक निर्माण विभाग को किया गया।
- कार्यस्थलों पर सिर्फ 20-25 श्रमिक कार्यरत पाए गए।
- कई ब्लॉकों में कार्य पूरी तरह बंद मिला।