शिक्षकों के आंदोलन पर भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा का बयान: समानीकरण नीति को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियां, सरकार सभी वर्गों के हित में कर रही कार्य –
शिक्षकों के आंदोलन पर भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा का बयान: समानीकरण नीति को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियां, सरकार सभी वर्गों के हित में कर रही कार्य -

रायपुर, 27 मई 2025 —छत्तीसगढ़ में हाल ही में शिक्षकों द्वारा समानीकरण नीति के विरोध में किए जा रहे प्रदर्शन पर सियासी प्रतिक्रिया तेज हो गई है। इसी क्रम में भाजपा विधायक पुरंदर मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि सरकार जो भी निर्णय ले रही है, वह सभी वर्गों के व्यापक हितों को ध्यान में रखकर लिए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों को इस नीति को गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे जनता में भ्रम फैलता है।
विधायक मिश्रा का मानना है कि समानीकरण नीति का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को संतुलित करना और संसाधनों का सही वितरण सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा, “हर फैसले के पीछे एक दीर्घकालिक सोच होती है। वर्तमान सरकार शिक्षक व शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है, परंतु कुछ संगठन इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं।”
वहीं कांग्रेस द्वारा आरटीओ कार्यालय में हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट के खिलाफ किए गए प्रदर्शन को लेकर भी उन्होंने कटाक्ष किया। मिश्रा ने कहा कि साय सरकार डिजिटल इंडिया की तर्ज पर काम कर रही है। नई नंबर प्लेट, ई-पोर्टल्स और पंचायतों का डिजिटलीकरण जैसे फैसले जनता की सुविधा के लिए हैं, लेकिन विपक्ष के पास विरोध करने लायक ठोस मुद्दे नहीं बचे हैं।
उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस के नेता केवल भ्रम फैलाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। जब वे सत्ता में थे, तब उन्होंने शिक्षकों की समस्याओं को कभी गंभीरता से नहीं लिया। अब जब भाजपा सरकार ठोस काम कर रही है, तो वे प्रदर्शन के सहारे राजनीति कर रहे हैं।”
पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर द्वारा सरकार के खिलाफ की गई टिप्पणी पर मिश्रा ने जवाब देते हुए कहा, “कंवर जी वरिष्ठ और बेबाक नेता हैं। वह हमेशा अपनी बात स्पष्ट रूप से रखते हैं, चाहे वो सरकार में हों या बाहर। मैं उनकी बातों का सम्मान करता हूँ, लेकिन इस समय सरकार जनहित के मुद्दों पर ही ध्यान केंद्रित कर रही है।”
इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में गर्माहट जरूर बढ़ा दी है, लेकिन मिश्रा का रुख यह स्पष्ट करता है कि सरकार नीतिगत फैसलों से पीछे हटने वाली नहीं है, और राज्य के शिक्षा तंत्र को और अधिक पारदर्शी व सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर कार्यरत है।