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केंद्र का ममता बनर्जी को करारा जवाब: कानून पहले से कड़े, समय पर कार्रवाई की जरूरत

केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी गई दूसरी चिट्ठी का करारा जवाब दिया है। ममता बनर्जी ने अपने पत्र में बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर अपराधों पर कड़े कानून और समयबद्ध कार्रवाई की मांग की थी, जिसे केंद्र ने तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है।

केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी का बयान:

केंद्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि कानून पहले से ही कड़े हैं, लेकिन राज्य सरकार द्वारा समय पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में दुष्कर्म और POCSO के 48,600 मामले लंबित हैं, जो राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हैं। यह दर्शाता है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट्स (FTSCs) को समय पर शुरू नहीं किया गया।

ममता बनर्जी की चिट्ठी में गलत जानकारी:

केंद्र सरकार ने ममता बनर्जी के पत्र को तथ्यात्मक रूप से गलत बताते हुए कहा कि FTSCs के लिए स्थायी न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति की मांग भी सही नहीं है। योजना के अनुसार, इन कोर्ट्स में केवल एक न्यायिक अधिकारी और सात स्टाफ सदस्य होते हैं, जो पर्याप्त हैं।

महिला सुरक्षा के लिए केंद्र के कड़े कानून:

अन्नपूर्णा देवी ने ममता बनर्जी की ओर से कड़े केंद्रीय कानून लाने की मांग को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र के मौजूदा कानून महिला सुरक्षा के लिए पर्याप्त हैं, और अगर राज्य सरकार इनका सही तरीके से पालन करती है, तो अपराधियों को सजा मिल सकेगी और पीड़िताओं को समय पर न्याय मिलेगा।

भाजपा का ममता बनर्जी पर सवाल:

बीजेपी के पश्चिम बंगाल सह-प्रभारी अमित मालवीय ने ममता बनर्जी से सवाल किया कि राज्य में मौजूदा कड़े कानूनों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा। उन्होंने ममता बनर्जी से चिट्ठी लिखने के बजाय सवालों का जवाब देने की मांग की।

डॉक्टर की हत्या से देशभर में नाराजगी:

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर डॉक्टर की हत्या के बाद देशभर में गुस्सा फैल गया है। इस घटना ने चिकित्सा क्षेत्र में सुधार की मांग को तेज कर दिया है। इस मामले में कोलकाता पुलिस के साथ काम कर रहे सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया है।

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