CG कैबिनेट बैठक का फैसला –
राज्य के पांचों विकास प्राधिकरणों में मुख्यमंत्री होंगे अध्यक्ष, मंत्री, लोकसभा, राज्यसभा के सांसद बनाए गए सदस्य
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प्रदेश के हित में आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण और बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन के प्रस्ताव को लगभग डेढ़ महीने बाद मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी मिली। राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य के पांचों विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन आदेश में आंशिक रूप से बदलाव की अनुमति दी है। पांचों प्राधिकरणों का नेतृत्व मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय करेंगे।
इस संशोधन से पांचों प्राधिकरणों में जनप्रतिनिधित्व काफी बढ़ गया है। पांचों प्राधिकरणों में अब राज्य मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है, साथ ही संबंधित क्षेत्रों के राज्यसभा, लोकसभा के सांसदों और प्राधिकरण क्षेत्रों के जिला पंचायत अध्यक्षों को भी सदस्य बनाया गया है। आदिम जाति विभाग और अनुसूचित जाति विकास विभाग दोनों पांचों प्राधिकरणों के सदस्य हैं। शेष सभी सदस्यों की स्थिति यथावत रहेगी।
पांचों प्राधिकरण –
शहरी विकास नीति (टीडीएस) का अनुमोदनछत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण,
सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण,
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण,
मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण,
बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण.
कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान से 262 व्यक्तियों और संस्थाओं को 4 करोड़ 56 लाख 72 हजार रुपये की अनुमति दी गई। मंत्रिपरिषद ने राज्य के शहरों की व्यवस्थित विकास और राज्य की विकास योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इसके तहत शहरी विकास नीति (TDS) की मंजूरी दी गई, जो भूखंडों को पुनर्गठित करेगी और राज्य में स्वीकृत विकास योजना को लागू करेगी। आवास एवं पर्यावरण विभाग को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने की अनुमति दी गई है।
इस शहरी विकास नीति का उद्देश्य प्रदेश में विकास योजनाओं में प्रस्तावित जनोपयोगी भूमि का समुचित विकास करना है, अतिक्रमण और अवैध निर्माणों को रोकना है और शहरी आबादी को आधुनिक नागरिक सुविधाओं की कमी और असुविधाओं से निपटना है। नगर विकास योजनाओं को आवासीय, वाणिज्यिक या औद्योगिक उद्देश्यों के लिए लागू किया जा सकता है।